पाकिस्तान के कराची में चिनी नागरिकों पर गोलीबारी – चीन की बहुत ही सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया

कराची – चीन के नौं इंजीनियर्स की मृत्यु का कारण बने पाकिस्तान के दासू बाँध के नज़दीक हुए हमले के दो हफ्तों में ही, कराची में चिनी नागरिकों पर गोलीबारी हुई है। इसमें चीन के दो नागरिक घायल हुए। यह स्वतंत्र घटना है, ऐसा बताकर चीन ने हालाँकि उस पर लीपापोती की है, फिर भी इस उपलक्ष्य में पाकिस्तान में सक्रिय होनेवाले चीन के नागरिकों की सुरक्षा, यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा बना होने की बात फिर एक बार स्पष्ट हुई। अपनी सुरक्षा के लिए पाकिस्तान में रहनेवाले चिनी नागरिक ने, साथ में एके-४७ राइफल रखी होने की वीडियो जारी हुए थे।

गोलीबारीबुधवार को कराची की औद्योगिक कॉलोनी होने वाले भाग में यह हमला हुआ। चीन के दो नागरिक प्रवास कर रहे कार पर गोलीबारी करके अज्ञात मोटरसाइकिल सवार भाग गए। इसमें ये चिनी नागरिक घायल हुए होकर, इनमें से एक की तबीयत गंभीर होने की बात बताई जाती है। इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार अभी भी किसी ने भी नहीं किया है। लेकिन कराची पुलिस ने इसके लिए चीन के नागरिकों को ही ज़िम्मेदार ठहराया। सुरक्षा के लिए आवश्यक होनेवाले एहतियात और नियम इनका पालन इन दोनों ने नहीं किया था, ऐसा दोषारोपण कराची पुलिस ने किया। वहीं, चीन ने इसे अलग ही घटना बताकर, उसपर जहाल प्रतिक्रिया देना टाला।

अपने नौं इंजीनियर्स मारे जाने के बाद, चीन ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। पाकिस्तान में सक्रिय होनेवाले चिनी नागरिकों की सुरक्षा करना अगर पाकिस्तान से नहीं हो पा रहा है, तो पाकिस्तान में अपने जवान और क्षेपणास्त्र भी तैनात करने के लिए चीन तैयार है, ऐसा चीन ने जताया था। इतना ही नहीं, बल्कि इस मामले में स्पष्टीकरण पूछने के लिए चीन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी और आयएसआय के प्रमुख फैज हमिद को बीजिंग में बुला लिया था। उसके बाद दासू बाँध के प्रोजेक्ट के पास १४ जुलाई को हुआ यह हमला, पाकिस्तान और चीन के संबंधों पर विपरित परिणाम करनेवाला होने की ज़ोरदार चर्चा शुरू हुई थी।

उस पृष्ठभूमि पर, कराची में हुए हमले के बाद चीन ने दी ठंडी प्रतिक्रिया गौरतलब साबित होती है। इन दिनों पाकिस्तान में चीन के निवेश के खिलाफ माहौल गरम हुआ होकर, चीन ने ‘सीपीईसी’ परियोजना के तहत पाकिस्तान में निवेश किया है या पाकिस्तान को चढ़ते ब्याज दर से कर्जा देकर ये परियोजनाएँ शुरू कीं हैं, ऐसा सवाल उठाया जा रहा है। इन परियोजनाओं में से चीन को तो भारी फायदा होगा, लेकिन पाकिस्तान के हाथ कुछ भी न लगते हुए, उल्टे सिर पर कर्जे के पहाड़ खड़े होंगे, ऐसी चिंता ज़ाहिर की जा रही है। उसी समय, विभिन्न परियोजनाओं के तहत पाकिस्तान में काम कर रहे चिनी नागरिक, स्थानीय लोगों पर मगरूरी जता रहे होने की खबरें लगातार जारी हो रहीं हैं। चीन बलोचिस्तान में निवेश ना करें, ऐसी चेतावनी इस प्रांत के बागियों ने इससे पहले ही दी थी। इस कारण पाकिस्तान में चीन अप्रिय बनता चला जा रहा होकर, चिनी नागरिकों पर हो रहे इन हमलों के पीछे स्थानीय स्तर पर का असंतोष होने की भी गहरी संभावना है।

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