सीरिया के ‘ईस्टर्न घौता’ में रशिया की संघर्षबंदी मतलब संकटग्रस्त सीरियन जनता का मजाक – अमरिका के विदेश मंत्रालय की टीका

वॉशिंग्टन/जीनिव्हा: ‘सीरिया के ‘ईस्टर्न घौता’ के संघर्ष में फंसे नागरिकों की रिहाई के लिए रशिया ने घोषित की हुई पांच घंटों की संघर्षबंदी मतलब यहाँ के सीरियन जनता का मजाक है। रशिया संयुक्त राष्ट्रसंघ के संघर्षबंदी के आदेश का पालन करे’, इसकी याद अमरिका के विदेश मंत्रालय ने दिलाई है। राष्ट्रसंघ ने दिए हुए संघर्षबंदी के आदेश के बाद भी सीरियन लष्कर ने इस जगह पर किए हमलों की पृष्ठभूमि पर अमरिका ने रशिया पर यह टीका की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी ‘ईस्टर्न घौता’ में रशिया की कोशिश काफी नहीं है ऐसा कहकर अपनी नाराजगी जताई है।

पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने ‘ईस्टर्न घौता’ की परिस्थिति पर चिंता जताकर सीरिया में ३० दिनों की संघर्षबंदी लागू की जाए, ऐसी घोषणा की थी। उसके बाद सोमवार से रशिया ने ‘ईस्टर्न घौता’ में रशिया ने हर दिन के लिए पांच घंटों की संघर्षबंदी लागू की है। रशिया के इस निर्णय पर अमरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ‘हिदर न्यूअर्ट’ ने टीका की है।

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“पिछले शनिवार को राष्ट्रसंघ की बैठक में १५ देशों ने सीरिया में संघर्षबंदी के पक्ष में मतदान किया है। इसमें रशिया भी शामिल था, इसकी मई याद दिलाती हूँ। इस निर्णय के अनुसार पूरे सीरिया में संघर्षबंदी लागू होना आवश्यक था। लेकिन रशिया ने ‘ईस्टर्न घौता’ में आंशिक संघर्षबंदी लागू की है, जिसे मान्य नहीं किया जा सकता”, ऐसी टीका न्यूअर्ट ने की है। उसीके साथ ही इस संघर्षबंदी का सीरियन लष्कर की ओर से उल्लंघन नहीं होगा, इसके लिए रशिया ने सीरियन राजवट पर दबाव डालना चाहिए, ऐसी माँग न्यूअर्ट ने की है।

दो दिनों पहले सीरियन लष्कर ने हमले करके ‘ईस्टर्न घौता’ क्षेत्र में लागू की गई संघर्षबंदी का उल्लंघन किया था। रशिया में घोषित की हुई संघर्षबंदी शुरू है, ऐसे में सीरियन लष्कर ने इस इलाके में तोपों से मारा किया। इसमें कुछ नागरिकों की जान जाने की जानकारी भी सामने आई थी। लेकिन अपने लष्कर ने संघर्षबंदी का उल्लंघन नहीं किया है, ऐसा दावा सीरियन सरकार कर रही है।

सीरिया की राजधानी दमास्कस की उत्तर में स्थित ‘ईस्टर्न घौता’ में पिछले कुछ दिनों से सीरियन और रशियन लष्कर ने संघर्ष पुकारा था। रशिया और सीरिया ने ‘ईस्टर्न घौता’ में लगातार ११ दिनों तक किए इस हमले में ६४६ लोगों की जान गई है, जिसमें १३० से अधिक बच्चों का समावेश होने का दावा किया जाता है। अस्साद राजवट के लिए खतरनाक आतंकवादियों को लक्ष्य बनाने के लिए ‘ईस्टर्न घौता’ में हमले जारी रहेंगे, ऐसा रशिया ने स्पष्ट किया है।

अमरिका के विदेश मंत्रालय के अनुसार संयुक्त राष्ट्रसंघ ने सीरिया के लिए नियुक्त किए विशेष अधिकारी ‘जेन एगलँड’ ने रशिया की आंशिक संघर्षबंदी पर चिंता व्यक्त की है। ‘ईस्टर्न घौता’ में परिस्थिति चिंताजनक है, ऐसा भी एगलँड ने जिनिव्हा की राष्ट्रसंघ की बैठक में कहा है। सीरियन सरकार के हमले की वजह से ‘ईस्टर्न घौता’ के करीब ४ लाख नागरिक जीवनावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अब तक सिर्फ ७००० नागरिकों तक ही मदद पहुंची है, ऐसी जानकारी एगलँड ने दी है। उसीके साथ ही ‘ईस्टर्न घौता’ के लिए मर्यादित इस संघर्षबंदी की वजह से सीरियन जनता की समस्याएँ सुलझने वाली नहीं हैं। इसके लिए संघर्षबंदी का विस्तार सीरिया के अन्य इलाकों में भी करना होगा, ऐसा एगलँड ने कहा है।

दौरान, संयुक्त राष्ट्रसंघ की राजदूत निक्की हॅले ने भी रशिया ने सीरिया पर की हुई कार्रवाई पर टीका की है। साथ ही सीरियन राजवट ने अपनी जनता पर किए रासायनिक हमले के विषयक संयुक्त राष्ट्रसंघ ने बनाई रिपोर्ट पर सुरक्षा परिषद में मतदान होना चाहिए, यह माँग हॅले ने की है। इस रिपोर्ट में सीरियन राजवट को रासायनिक हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है। लेकिन रशिया ने इस रिपोर्ट को ख़ारिज करके सीरिया की अस्साद राजवट का समर्थन किया है।

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