‘मास्टरकार्ड’ पर आरबीआई के प्रतिबंध; भारत में नए क्रेडिट और डेबिट कार्ड इश्यू करने पर रोक

‘मास्टरकार्ड’नई दिल्ली – ग्राहकों के संदर्भ में डाटा संग्रहित करने की व्यवस्था भारत में करने के आदेश को अनदेखा करनेवाली ‘मास्टरकार्ड’ जैसी अंतर्राष्ट्रीय पेमेंट कंपनी पर रिजर्व बैंक ने कार्रवाई की है। २२ जुलाई से ‘मास्टरकार्ड’ को भारत में नए क्रेडिट और डेबिट कार्ड इश्यू करने पर आरबीआई ने रोक लगाई है। आरबीआई की यह कार्रवाई, डाटा स्टोरेज व्यवस्था भारत में करने के आदेश की ओर अनदेखा करनेवालीं पेमेंट सेवा क्षेत्र की अन्य विदेशी कंपनियों के लिए भी चेतावनी साबित होती है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।

सन २०१८ में ही आरबीआई ने, पेमेंट यंत्रणा की सेवा देनेवालीं विदेशी कंपनियों को भारत में अपना डाटा संग्रहित करने के और उसके लिए भारत में यंत्रणा का निर्माण करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए आरबीआई ने नियम बनाए थे और इन नियमों का पालन करें, ऐसा इन कंपनियों को जताया था। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी ‘मास्टरकार्ड’ ने भारत में ग्राहकों का डाटा संग्रहित करने की किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं की है। बार-बार इस मामले में चेतावनी दी जाने के बावजूद भी, आरबीआई के निर्देशों की ओर इस विदेशी कंपनी ने पूरी तरह अनदेखा किया। छः महीने पहले भी आरबीआई ने, नियमों का पालन करें, ऐसा जताया था। नियमों का पालन करने का पूरा अवसर देकर भी मास्टर कार्ड ने अपना डाटा सर्वर भारत में स्थापित न करने के कारण यह कार्रवाई की गई है।

आरबीआई के नियमों के अनुसार, पेमेंट व्यवहारों की एन्ड टू एन्ड सटीक जानकारी और ग्राहकों के संदर्भ में जानकारी संग्रहित करने की व्यवस्था भारत में करना पेमेंट सेवा देनेवालीं कंपनियों के लिए बंधनकारक है। लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय पेमेंट कंपनियाँ अपना डाटा भारत में संग्रहित नहीं करतीं। बल्कि विदेश में उनकी केंद्रीय डाटा संग्रहण व्यवस्था होती है। लेकिन भारत ने, डाटा संबंधित प्राइवेसी के मामले में होनेवाले खतरे को मद्देनजर रखते हुए, भारत में ही ऐसी व्यवस्था की जायें, ऐसी नीति बनाई है। इससे पहले अमेरिकन एक्सप्रेस, डाइनर्स क्लब इंटरनॅशनल इन कंपनियों पर भी इसी प्रकार की कार्यवाही की गई है।

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