‘म्युच्युअल फंड’ क्षेत्र को ‘आरबीआई’ ने दिया ५० हजार करोड़ रुपयों का पैकेज

मुंबई , (वृत्तसंस्था) – आर्थिक मंदी के डर के कारण निवेशकों ने म्युच्युअल फंड से पैसा निकालना शुरू करने से इन फंडस्‌ का व्यवस्थापन कर रही कंपनियों के सामने संकट खडा हुआ है। इस वजह से पिछले हफ्ते में ही फ्रैंकलिन कंपनी ने अपने छह म्युच्युअल फंडस्‌ की योजना बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद इस क्षेत्र में डर का माहौल निर्माण हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर रिजर्व्ह बैंक ने इन कंपनियों को महसूस हो रही नगद की कमी दूर करने के लिए ५० हजार करोड़ रुपयों के पैकेज का ऐलान किया है। इस वजह से इस क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बनेगा, यह बात विश्‍लेषक कह रहें हैं।

अबतक पूंजी बाजार में निवेश करने के लिए म्युच्युअल फंड का विकल्प बेहतर समझा जा रहा था। लेकिन फिलहाल खड़े कोरोना वायरस के संकट की वजह से जागतिक अर्थव्यवस्था की गति धिमी हुई है। विकसित देशों की अर्थव्यवस्था भी संकट से घिर चुकी हैं। दुनिया महामंदी की दिशा में बढ रही होने का डर भी व्यक्त किया जा रहा है। भारत के विकास दर में बडी गिरावट की संभावना होने का डर भी जताया जा रहा है। दुनियाभर के शेअर बाजारों में गिरावट देखी गई है। भारतीय शेअर बाजार में भी गिरावट देखीं गई है। इस वजह से निवेशकों में असुरक्षितता का माहौल बना है और निवेशक भी पूंजी बाजार से अपना पैसा निकाल रहें हैं। इससे म्युच्युअल फंड क्षेत्र को भी झटका लग रहा है। ज्यादा जोखीम के म्युच्युअल फंड पर बडा दबाव बना है। निवेशकों ने इन फंडस्‌ में से अपना पैसा निकालने के कारण, इन फंडस्‌ का व्यवस्थापन कर रहीं म्युच्युअल फंड की कंपनियाँ आर्थिक संकट में फँस चुकी हैं और उन्हें पैसों की कमी सता रही है।

पिछले हफ्तें में ही फ्रैंकलिन टेम्पल्टन कंपनी ने अपनी छह म्युच्युअल फंडस्‌ की योजनाएँ बंद की थीं। इन फंडस्‌ से नया निवेश और पैसा निकालने के लिए कंपनी ने मनाई की हैं। इस क्षेत्र में पैसों की कमी महसूस होने से यह निर्णय किया गया है, यह बात कंपनी ने कही थी। फ्रैंकलिन टेम्पल्टन कंपनी की योजनाओं में निवेशकों के २५ हजार करोड़ रुपये फँसें हैं। इसके बाद म्युच्युअल फंड क्षेत्र में डर का माहौल बना था। इस पृष्ठभूमि पर ‘आरबीआई’ इस क्षेत्र को राहत दें, यह माँग हो रही थी।

इसके अनुसार, ‘आरबीआई’ ने म्युच्युअल फंड की कंपनियों के लिए ५० हज़ार करोड़ रुपयों के ‘स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी’ पैकेज का ऐलान किया। इसके तहत ‘आरबीआई’ बैंकों को रेपो रेट से यह फंड माँग के अनुसार उपलब्ध कराएगी। आगे बैंको द्वारा म्युच्युअल फंड कंपनियों के बांड, व्यावसायिक कागज, डिपोझिट सर्टिफिकेट गिरवी रखकर, यह निधी उन्हें कम दामों में उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना ११ मई तक शुरू रहेगी। साथ ही, बाजार की स्थिति के अनुसार यह अवधि एवं उपलब्ध निधी की जाँच करेंगे, यह वादा भी ‘आरबीआई’ ने किया है। ‘आरबीआई’ के इस निर्णय का स्वागत किया जा रहा है।

इसी बीच, कोरोना वायरस के संकट की पृष्ठभूमि पर खड़े आर्थिक संकट का मुकाबला करने के लिए आवश्‍यक प्रावधान किए जा रहे हैं, यह बात भी ‘आरबीआई’ ने स्पष्ट की है। इससे पहले ‘आरबीआई’ ने कृषि, लघु उद्योग और गृह क्षेत्र के लिए ५० हजार करोड़ रुपयों का पैकेज प्रदान किया था। इन क्षेत्रों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए यह राशि ‘नाबार्ड’, ‘सीआयडीबीआय’ और ‘एनएचबी’ को प्रदान की जा रही है। साथ ही, आरबीआई ने पहले ही रेपो रेट में एक बार और रिव्हर्स रेपो रेट में दो बार कटौती की थी। बाजार में नगद बढाने के लिए यह निर्णय किया गया था।

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