‘मनी लॉण्डरिंग’ के मामले में चीनी कंपनियों पर पडे छापे

नई दिल्ली – शेल कंपनियों की आड़ में मनी लॉण्डरिंग कर रही चीनी कंपनियां और उनके भारतीय सहयोगियों के ठिकानों पर ‘आयकर विभाग’ ने लगातार दो दिन छापे मारे। इस मामले में हज़ार करोड़ रुपयों का अवैध व्यवहार और पैसों का कारोबार होने की जानकारी सामने आई है और इससे संबंधित एक चीनी नागरिक को भी गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले इसी चीनी नागरिक को जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया में भी चीनी नागरिकों से चलाया जा रहा मनी लॉण्डरिंग का ऐसा ही रैकेट पकड़ा गया है और इस दौरान दो चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी भी हुई है।

Money-launderingशेल कंपनियों की सहायता से कुछ चीनी नागरिक और उनके भारतीय साझेदार इस गलत कारोबार में जुटे होने की जानकारी आयकर विभाग को प्राप्त हुई थी। चीनी नागरिकों के नाम से जाली कागज़ बनाकर इसके ज़रिए 40 से अधिक बैंक खाते खोले गए थे और इन खातों से सभी गलत कारोबार हो रहे थे। इन खातों से करीबन हज़ार करोड़ रुपयों का कारोबार हो रहा था। एक चीनी कंपनी की सहायक कंपनी को भारत में रिटेल कारोबार और शोरूम शुरू करने के लिए शेल कंपनी के खाते से 100 करोड़ रुपयों की अग्रिम राशि दी गई थी।

इस मामले की जाँच में हवाला से संबंधित कुछ अहम कागज़ प्राप्त हुए हैं। साथ ही इस मामले में कुछ बैंक कर्मी और सीए शामिल होने की जानकारी सामने आ रही है। इस मामले में चार्ली पंग इस जाली नाम से भारत में रहनेवाला चीनी नागरिक लुओ संग को हिरासत में लिया गया है। उससे मणिपुर के पते पर तैयार किया गया भारत का जाली पासपोर्ट भी बरामद किया गया है। जाली नाम से उसने 8 से 10 बैंक खाते शुरू किए होने की बात भी सामने आ रही है। चीनी कंपनियों के लिए वह हवाला का रैकेट चलाने में जुटा होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। दवाईयां और इलेक्ट्रॉनिक्स चीजों का आयात-निर्यात करने के नाम से वह मनी लॉण्डरिंग का काम कर रहा था।

वर्ष 2018 में लुओ संग को जासूसी, जालसाज़ी और अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था, यह जानकारी दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने प्रदान की है। इस मामले के कई और तार सामने आने की संभावना है। लद्दाख की गलवान वैली में भारतीय सैनिकों पर कायराना हमला करने के बाद चीनी कंपनियां भारत सरकार के राड़ार पर हैं। हाल ही में चीन की अलिबाबा कंपनी पर ‘फेक न्यूज़’ का मामला दर्ज़ होने की जानकारी सामने आई थी। अलिबाब कंपनी के साथ भारत में बड़ी मात्रा में निवेश करनेवाली चीन की अन्य कंपनियां चीनी सेना से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से संबधित होने की रपट खुफिया एजंसी ने रखने की ख़बरें सामने आई थी। इस पृष्ठभूमि पर चीनी कंपनियों पर मारे गए छापे ध्यान आकर्षित करते हैं।

इसी बीच, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस छापे की कार्रवाई पर बयान किया है। इस कार्रवाई की ज्यादा जानकारी हमें नहीं है, लेकिन विदेश में व्यापार करते समय वहां के स्थानीय नियम और कानून का पालन करने की सूचना चीन की सरकार अपने देश की कंपनियों से हमेशा करती है, यह चीन के विदेश मंत्रालय ने कही है। साथ ही हम चीनी कंपनियां और नागरिकों के कानूनी हक एवं हितसंबंधों की रक्षा करने के लिए वचनबद्ध हैं, यह बात भी चीन के प्रवक्ता ने कही हैं।

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