रशिया की सहायता के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रिया अदा किया

नई दिल्ली – भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के बीच फोन पर चर्चा संपन्न हुई। भारत कोरोना की महामारी का सामना कर रहा है, ऐसे में रशिया कर रहे सहयोग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन का शुक्रिया अदा किया। रशिया ने भी कोरोना प्रतिबंधक टीका विकसित किया होकर, इस टीके का निर्माण भारत में किया जा रहा है। इससे भारत में टीकाकरण मुहिम अधिक तेज़ होगी। कोरोना के टीके के लिए रॉ मटेरियल की सप्लाई करने से अमरीका ने किए इन्कार की पृष्ठभूमि पर, रशिया ने भारत से किया यह सहयोग गौरतलब साबित हो रहा है। अब हालांकि अमरीका ने यह प्रतिबंध हटाया है, फिर भी भारत-रशिया सहयोग के बिना चारा ही नहीं है, यह बात इससे नए से अधोरेखांकित हुई है।

शुक्रिया

इस महामारी के संकट के दौर में, रशिया द्वारा भारत को शीघ्रता से सहयोग प्रदान किया गया, इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन का शुक्रिया अदा किया। रशिया का यह सहयोग यानी दोनों देशों की मज़बूत साझेदारी का प्रतीक होने का दावा प्रधानमंत्री मोदी ने किया। सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी जानकारी दी है। रशिया के ‘स्पुटनिक-५’ इस कोरोना प्रतिबंधक टीके के निर्माण के संदर्भ में भारत-रशिया का सहयोग, इस महामारी के खिलाफ चल रही जंग में सारी मानवता को सहायकारी साबित होगा, ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया।

रशिया के इस टीके को भारत ने भी मान्यता दी होकर, भारतीय कंपनी इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करनेवाली है। इससे भारत में चल रही टीकाकरण की मुहिम अधिक तेज़ बनेगी। उसके साथ ही, अन्य देशों को भी इस टीके की सप्लाई करना मुमकिन होगा। इस सहयोग पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की चर्चा हुई। साथ ही, भारत की गगनयान मुहिम के लिए रशिया कर रहे सहयोग की भी प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशंसा की। भारत के चार अंतरिक्षयात्रियों को रशिया ने प्रशिक्षण दिया होकर, हाल ही में यह प्रशिक्षण पूरा हुआ है।

इसी बीच, भारत और रशिया में जल्द ही ‘टू प्लस टू’ चर्चा शुरू करने के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन का एकमत हुआ। दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री इस चर्चा में सहभागी होंगे। इससे भारत और रशिया के बीच द्विपक्षीय सामरिक सहयोग अधिक ही गतिमान होगा। इससे भारत-रशिया संबंध अधिक ही दृढ़ बनेंगे। पिछले कुछ महीनों से, दोनों देशों के संबंध कुछ हद तक तनावपूर्ण बनने की बात सामने आई थी। भारत अमरीकाप्रणित और चीनविरोधी क्वाड संगठन में शामिल ना हों, ऐसी उम्मीद रशिया रखता है। वहीं, रशिया भारत की सुरक्षा को अनदेखा करके, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की सहायता ना करें, ऐसा भारत का कहना है। लेकिन इस संदर्भ में हालांकि मतभेद कायम हैं, फिर भी उसका द्विपक्षीय सहयोग पर असर नहीं होगा, ऐसा यकीन भारत और रशियन नेता लगातार दिलाते आए हैं।

भारत में कोरोना का संकट भयंकर रूप धारण कर रहा है, ऐसे में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने कोरोना प्रतिबंधक टीके के लिए आवश्यक रॉ मटेरियल की सप्लाई पर प्रतिबंध लगाया था। भारत की घेराबंदी करने के लिए अमरीका ने यह फैसला किया था। इस पर भारत में तीव्र प्रतिक्रिया उठी और अमरीका पर भरोसा नहीं किया जा सकता, यह बात फिर एक बार स्पष्ट हुई थी। लेकिन कुछ ही दिनों में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष को, यह फैसला ख़ारिज करके भारत को आवश्यक होनेवाली सारी सहायता प्रदान करने का फैसला करना पड़ा। फिलहाल अमरीका, पहले के फैसले के कारण हुई हानि की पूर्ति करने की जानतोड़ कोशिश कर रही है। लेकिन ऐसे संकट के दौर में रशिया से भारत को प्राप्त हुआ सहयोग, दोनों देशों के मित्रतापूर्ण संबंधों का महत्व नये से अधोरेखांकित कर रहा है।

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