लैटिन अमरीका की समुद्री सीमा में चीन के ‘ओवरसीज्‌ फ्लीट’ की गतिविधियाँ बढ़ीं

latin-america-overseas-fleet-1लिमा/बीजिंग – चीन की १४० करोड़ से अधिक जनसंख्या हर वर्ष विश्‍व की तकरीबन ४५ प्रतिशत मछली ड़कार जाती है। अपनी बढ़ती जनसंख्या की इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए चीन ने अपनी समुद्री सीमा लांघकर अन्य देशों की सीमा में घुसपैठ शुरू की है। इस घुसपैठ की तीव्र गूँज अब सुनाई देने लगी है और लैटिन अमरिकी देशों ने अब चीन द्वारा हो रही अनियंत्रित ‘फिशिंग’ रोकने के लिए आवश्‍यक गतिविधियाँ शुरू की हैं। पेरू, इक्वेड़ोर और चिली जैसे देशों ने इसके लिए पहल की है और अमरीका एवं फ्रान्स जैसे देशों ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

अपनी समुद्री सीमा को छोड़कर अन्य देशों की सीमा में मछली पकड़ने के लिए चीन ने विशाल ‘डिस्टंट वॉटर फिशिंग फ्लीट’ का निर्माण किया है। ब्रिटेन की ‘ओवरसीज्‌ डेवलपमेंट इन्स्टिट्यूट’ की रपट के अनुसार चीन के इस फ्लीट में १७ हज़ार जहाज़ और छोटी बोटस्‌ मौजूद हैं। सिर्फ पेरू की समुद्री सीमा के करीब चीन के इस फ्लीट के ५५० से अधिक जहाज़ अवैध और अनियंत्रित मछली पकड़ते पाए गए हैं। वर्ष २०२० में इन जहाज़ों ने लैटिन अमरिकी देशों की समुद्री सीमा में साढे तीन लाख टन से अधिक ‘स्क्विड’ मछली पकड़ी थी।

latin-america-overseas-fleet-2चीन के इस अवैध ‘फिशिंग’ की वजह से केवल चिली को लगभग ४० करोड़ डॉलर्स का नुकसान हुआ है, यह जानकारी ‘नैशनल फिशिंग ऐण्ड एक्वाकल्चर सर्विस’ नामक सरकारी यंत्रणा ने प्रदान की है। चिली की समुद्री सीमा में और उसके आगे के क्षेत्र में मौजूद मछली की तादाद में ७० प्रतिशत गिरावट दर्ज़ हुई है। कुछ वर्ष पहले इक्वेड़ोर की यंत्रणा ने चीनी जहाज़ से छह हज़ार मृत ‘शार्क’ जब्त किए थे। यह घटना चीन के अनियंत्रित ‘फिशिंग’ ने मर्यादा लांघकर अन्य देशों के नैसर्गिक स्रोत की किस तरह लूट शुरू की है, यह स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

बीते वर्ष जुलाई में गैलापैगोस आयलैण्ड के करीबी चीन के ‘नेवल मिलिशिया’ पहुँचने की घटना ने लैटिन अमरीका की सीमा में चीन की ‘फिशिंग’ का मुद्दा फिर से उठा था। इस मामले में अब लैटिन अमरिकी देश आवाज़ उठा रहे हैं और पेरू और इक्वेड़ोर जैसे देशों ने अपने तटरक्षक बल एवं नौसेना की गश्‍त बढ़ाई है। दूसरी ओर अमरीका और फ्रान्स जैसे देशों ने भी इस मुद्दा को गंभीरता से लेने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

अमरीका ने अपने तटरक्षक बल के अधिकार बढ़ाए हैं और उसे पैसिफिक महासागर में गश्‍त और निगरानी का ज़िम्मा भी सौंपा है। इसके लिए लैटिन अमरीका और पैसिफिक क्षेत्र के देशों की सहायता प्राप्त की जाएगी, यह भी कहा गया है। फ्रान्स ने भी ‘साऊथ पैसिफिक’ देशों को साथ लेकर संयुक्त तटरक्षक बल का निर्माण करने का ऐलान किया है।

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