अमरिकी निर्बंध और कोरोना के कारण ईरान के रियाल में बड़ी गिरावट

तेहरान – अमरीका ने पिछले महीने में थोंपे हुए निर्बंध, कोरोना का बढ़ता फैलाव और ईंधन के दामों में हुई गिरावट इस पृष्ठभूमि पर, ईरान की मुद्रा होनेवाले रियाल की दरों में प्रचंड गिरावट हुई है। शनिवार को राजधानी तेहरान में, एक अमरिकी डॉलर के लिए पूरे एक लाख ९३ हज़ार ४०० रियाल देने पड़ रहे थे, ऐसी जानकारी स्थानीय सूत्रों ने दी। यह घटना इस बात की पुष्टि कर रही है कि ईरान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने की कगार पर है।

iranian rialपिछले ही महीने में, ईरान नागरी परमाणु समझौते का उल्लंघन कर रहा होने का आरोप कर अमरीका ने ईरान पर निर्बंधों का शिकंजा और भी ज़ोर से कसा था। इस बार, सन २०१५ के परमाणु समझौते के तहत ईरान को मिली आख़िरी सहूलियत भी अमरीका ने ख़ारिज़ कर दी थी। इस कारण रशिया, चीन तथा युरोपीय देशों से, ईरान के अराक इस नागरी न्युक्लिअर प्लांट को मिल रही सहायता भी अब अमरीका के निर्बंधों की चपेट में आया था। ईरान अपने लष्करी उद्दिष्टों के लिए अराक परमाणु परियोजना का इसतेमाल कर रहा होने का आरोप अमरीका ने किया था।

नये निर्बंधों के ज़रिये अमरीका ने ईरान पर दबाव बढ़ाया है, ऐसी जानकारी अमरीका ने ईरान के लिए नियुक्त किये विशेष दूत ब्रायन हूक ने दी थी। उसीके साथ, यदि ईरान सहूलियत चाहता है, तो वह अमरीका से चर्चा करें; अन्यथा इन निर्बंधों के चलते अपनी अर्थव्यवस्था का विनाश कराने ईरान तैयार रहें, ऐसा भी अमरिकी दूत ने जताया था। लेकिन ईरान ने अमरीका का प्रस्ताव ठुकराया था। ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए अमरीका ने की हुईं कोशिशें व्यर्थ साबित हुईं हैं, ऐसा प्रत्युत्तर ईरान द्वारा दिया गया था।

ईरान में फ़रवरी महीने से कोरोना का संक्रमण चल रहा है, जिसमें साढ़े नौं हज़ार से भी अधिक लोगों ने जानें गँवायीं हैं। देश में कोरोना मरीज़ों की संख्या दो लाख से भी अधिक हुई होकर, संक्रमण रोकने में ईरान सरकार पुरी तरह असफल हुई दिखायी दे रही है। अमरीका ने लगाये निर्बंधों के कारण ईरानी जनता को आवश्यक ईलाज़ उपलब्ध करा दिया नहीं जा सकता, ऐसा कहकर ईरान सरकार ने यह नाक़ामयाबी के लिए अमरीका को ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश की है।

Iran-US-sanctionsलेकिन उसी समय, ईरान की हुक़ूमत ने अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे हटने से इन्कार किया होकर, सीरिया, इराक तथा येमेन स्थित आतंकवादी संगठनों को की जानेवाली सहायता भी क़ायम रखी है। अमरीका ने निर्बंध लगाये व्हेनेझुएला को ईरान से बड़े पैमाने पर ईंधन सप्लाई भी जारी है। लेकिन यही ईरानी हुक़ूमत देश की जनता को आर्थिक स्तर पर राहत देने में पूरी तरह असफल हुई दिख रही है।

ईरान की अर्थव्यवस्था में महँगाई की दर औसत ४१ प्रतिशत से उपर गयी होकर, मांसाहारी उत्पाद तथा अन्य अनाजों की क़ीमतों में पूरे ११६ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ईरान के बजट का वित्तीय घाटा भी ६० प्रतिशत से उपर गया होने की बात बतायी जाती है। कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर ईंधन की माँग तथा दरें, दोनों में गिरावट आयी होकर, उसमें से ईरान को किसी भी प्रकार की सहायता मिलने की संभावना नहीं है।

इन सबका परिणाम ईरानी मुद्रा रियाल के मूल्य पर हुआ होकर, गत चार महीनों में अमरिकी डॉलर की तुलना में पूरे ५० हज़ार से मूल्य घटा है। फ़रवरी महीने में एक अमरिकी डॉलर के लिए १ लाख ४० हज़ार रियाल देने पड़ रहे थे; लेकिन अब एक डॉलर का मूल्य पूरे १ लाख ९३ हज़ार ४०० रियाल तक जा पहुँचा है। आनेवाले कुछ दिनों में यही मूल्य दो लाख तक उछल सकता है, ऐसा दावा स्थानीय सूत्रों ने किया।

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