युरोपीय नेताओं के विरोध में अमरीका-डेन्मार्क ने की जासूसी गंभीर एवं अस्वीकारार्ह घटना – राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन की चेतावनी

पॅरिस/वॉशिंग्टन/कोपनहेगन – अमरीका और डेन्मार्क ने युरोपीय नेताओं पर की जासूसी यह बहुत ही गंभीर एवं अस्वीकारार्ह घटना होने की बात फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन ने जताई है। जर्मनी, नॉवे तथा स्वीडन इन देशों ने भी मॅक्रॉन के बयान का समर्थन किया होकर, गहरी जाँच की माँग की।

US-denmark-spy-01अमरीका की ‘नॅशनल सिक्युरिटी एजन्सी’ (एनएसए) ने डेन्मार्क की गुप्तचर यंत्रणा ‘डिफेन्स इंटेलिजन्स सर्व्हिस’ की सहायता से जर्मनी, फ्रान्स, नॉर्वे तथा स्वीडन के नेताओं पर जासूसी की थी। डेन्मार्क के ‘डॅनिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन’ इस सरकारी रेडियो एवं टीवी चैनल ने इस संदर्भ में खबर जारी की है।

इससे पहले सन २०१३ में ‘एनएसए’ में कार्यरत एडवर्ड स्नोडेन इस कंप्यूटर विशेषज्ञ ने, अमरिकी यंत्रणाओं द्वारा दुनियाभर में की जानेवाली निगरानी और जासूसी के मामलों में गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करके सनसनी मचाई थी।

US-denmark-spy-300x169डेन्मार्क के ‘डॅनिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन’ ने प्रकाशित की खबर के अनुसार, अमरीका की ‘एनएसए’ ने डेन्मार्क की गुप्तचर यंत्रणा ‘डिफेन्स इंटेलिजन्स सर्व्हिस’ की सहायता से युरोपीय नेताओं पर जासूसी की। सन २०१२ से २०१४ इस कालावधी में ‘ऑपरेशन डनहॅमर’ नामक मुहिम के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई। इसमें जर्मनी की चॅन्सेलर अँजेला मर्केल समेत फ्रान्स, नॉर्वे और स्वीडन के प्रमुख नेताओं के फोन टैप किए गए। इन नेताओं के मोबाइल संदेशों पर भी अमरिकी यंत्रणा की नजर थी।

इस जासूसी के लिए अमरीका और डेन्मार्क की यंत्रणाओं ने ‘अंडरसी केबल नेटवर्क’ का इस्तेमाल किया होने की बात भी सामने आई है। अमरिकी यंत्रणा ने इस जासूसी के लिए ‘एक्सकीस्कोअर’ नामक सॉफ्टवेअर विकसित किया होने की जानकारी भी ‘डॅनिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन’ ने दी है।

US-denmark-spy-02-300x208 ‘एनएसए’ तथा डेन्मार्क की ‘डिफेन्स इंटेलिजन्स सर्व्हिस’ ने इसपर कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन डेन्मार्क की रक्षा मंत्री ट्राईन ब्रॅम्सन ने, सहयोगी देशों पर निगरानी करना यह बात अस्वीकारार्ह होने का बयान किया है।

अमरीका और डेन्मार्क ने निगरानी किए युरोपीय देशों से इस मामले पर तीव्र प्रतिक्रिया आई है। ‘मित्रदेश तथा युरोप के साझेदार देशों में इस प्रकार की घटना घटित होना कभी भी स्वीकारार्ह नहीं होगा। यह बात बहुत ही गंभीर है’, ऐसे शब्दों में फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन ने नाराज़गी ज़ाहिर की।

जर्मनी की चॅन्सेलर मर्केल ने मॅक्रॉन के बयान का समर्थन करते हुए जाँच की माँग की है। स्वीडन और नॉर्वे के रक्षामंत्रियों ने भी जाँच की माँग को समर्थन दिया। वही, डेन्मार्क में सामने आया यह मामला, यह हिमखंड की केवल नोक होने की प्रतिक्रिया रशिया के विदेश मंत्रालय ने दी है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन इस महीने में युरोप का दौरा करनेवाले हैं। उससे पहले सामने आए इस मामले की गूंजें बायडेन के दौरे में सुनाई देंगी, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। 

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