ईरान के परमाणु करार का उल्लंघन खतरनाक होगा- ईरान के राष्ट्राध्यक्ष का संकेत

तेहरान: अमरीका, रशिया, ब्रिटन, फ़्रांस, चीन और जर्मनी इन देशों से किये ‘जॉइंट कोम्प्रिहेंसिव प्लैन ऑफ़ एक्शन’ (जेसीपिओए) करार का अमरीका ने किया उल्लंघन उन्हें खतरनाक साबित होगा यह ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने दिया है। अमरीका ने ईरान पर प्रतिबन्ध जारी करने की घोषणा की है और यह प्रतिबन्ध ‘जेसीपिओए’ का उल्लंघन ठहराया जायेगा, यह ईरान का कहना है। ईरान ने किये मिसाइलो के परिक्षण के पश्चात् प्रतिबन्ध जारी करने की भूमिका अमरीका ने ली।

खतरनाक साबित होगा

हाल ही में हुए चुनाव में रोहानी फिर एक बार ईरान के राष्ट्राध्यक्ष पद पर विराजित हुए है। ६८ उम्र के रोहानी ईरान के उदारमतवादी नेता है, जिन्होंने परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर आक्रामक भूमीका न लेते हुए पाश्चिमात्य देशों से करार करने की तैयारी दिखाई। इसलिए संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य देश जैसे अमरीका, रशिया, ब्रिटन, फ़्रांस, चीन और जर्मनी इन देशों से ‘जेसीपिओए’ का करार किया। यह करार अब ख़तरे में है क्यों की अमरीका ने स्वयं इसका उल्लंघन किया है यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने किया।

यूरोपीय महासंघ के विदेश नीतियों के प्रमुख फ्रेड्रिका मोघेरिनी ईरान के दौरे पर है और उन्होंने राष्ट्राध्यक्ष रोहानी से मुलाकात की। ईरान के राष्ट्राध्यक्ष से हुए बातचीत में ‘जेसीपिओए’ का उल्लंघन अत्यंत खतरनाक हो सकता है यह स्पष्ट किया। इस करार के जरिये इस क्षेत्र में शांतता और स्थैर्य प्रस्थापित हुआ था यह अहसास भी दिलाया। साथ ही ईरान पर जारी किये प्रतिबन्ध पर ईरान संसद से जल्द ही जवाब मिलेगा यह चेतावनी भी दी। इस बातचीत में यूरोपीय महासंघ के विदेश नीतियों के प्रमुख मोघेरिनी ने सभी पक्षों ने ‘जेसीपिओए’ का पालन करे यह आपेक्षा व्यक्त की है।

पिछले कई दिनों से अमरीका ने ईरान के खिलाफ़ आक्रामक भूमिका लेते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ईरान से युद्ध छेड़ेंगे, यह चिंता अमरीका के माजी सीनेटर रोन पॉल ने व्यक्त की है। अमरीका के पत्रकार एवं विश्लेषक यह डर व्यक्त करते हुए अमरीका और ईरान का युद्ध होता है तो सारी दुनिया को इसके परिणाम सहने होंगे यह चेतावनी दे रहे है। इस मामले में अमरीका और युरोपीय महासंघ के गंभीर मतभिन्नता होने की बात सामने आयी है। इसलिए अमरीका ने जारी किये प्रतिबन्ध के पृष्ठभूमि पर यूरोपीय राष्ट्रसंघ के विदेश विभाग प्रमुख मोघेरिनी ने किया ईरान का दौरा ध्यान खिंच रहा है।

अमरीका ईरान के मामले में ऐसा कड़ा व्यवहार स्वीकार करते वक्त रशिया जैसा देश ईरान के समर्थन में खड़ा है और ईरान से ईंधन आयात करने वाले चीन, जापान, भारत एवं आशियाई देश ईरान से अपने संबंध विकसित कर रहे है। इन देशों ने ईरान के ईंधन क्षेत्र में निवेश किया है और दक्षिण कोरिया जैसे अमरीका का मित्र देश भी ईरान के ईंधन क्षेत्र में निवेश करने की ख़बरे मिल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.