लेबेनॉन और सीरियन सेना की मदद से सीरियन सीमा पर हिजबुल्लाह की ‘आयएस’ विरोधी मुहीम

बैरुत/दमास्कस: पिछले कुछ महीनों में सीरियन सेना को ‘आयएस’ विरोधी संघर्ष में लगातार बड़ी सफलता प्राप्त होती दिखाई दे रही है। इस सफलता की पृष्ठभूमि पर सिरीया में ‘आयएस’ को पराभूत करने के लिए सीरियन सेना ने आक्रामक मुहीम हाथों में ली है, इस मुहीम को लेबेनॉन सेना की भी सहायता मिल रही है।
शनिवार को लेबेनॉन और सिरीया के लष्कर के साथ ‘हिजबुल्लाह’ इस आतंकवादी संगठन ने एक ही समय पर ‘आयएस’ के खिलाफ कार्रवाई हाथों में लेने की बात सामने आई है। इस कार्रवाई से सिरीया और लेबेनॉन के सीमा इलाके में ‘आयएस’ का वर्चस्व ख़त्म हो जाएगा, ऐसा माना जा रहा है।

सीरियन सेना

लेबेनॉन की सेना ने शनिवार को सीरियन सीमा के पास ‘रास बालबेक’ इलाके में कार्रवाई हाथों में लेने की घोषणा की है। इस इलाके में ‘आयएस’ के करीब ६०० आतंकवादी छिपे हैं, ऐसा माना जा रहा है। इन आतंकवादियों के खिलाफ हेलिकॉप्टर्स, टैंक, तोपें और रॉकेट्स की मदद से हमला करने की जानकारी लेबेनॉन सेना के प्रवक्ता ने दी है।

‘लेबेनॉन की सीमा से आयएस के आतंकवादियों को भगाया जाने तक लष्करी मुहीम जारी रहेगी। इस मुहीम में हमें १०० प्रतिशत जीत हासिल होने वाली है। उसके लिए कितना भी समय और बड़ी कीमत चुकानी हो, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आतंकवादी संगठन के खिलाफ लेबेनॉन सेना ने शुरू की हुई कार्रवाई अब तक की सबसे कठिन कार्रवाई है’, ऐसी जानकारी लेबेनॉन सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडीअर जनरल अली कान्सोवा ने दी।

आयएस’ के खिलाफ लेबेनॉन सेना ने खोली हुई यह पहली मुहीम है, जिसे ‘जारौड़ डॉन’ नाम दिया गया है। सिरीया और लेबेनॉन सीमा पर करीब ३०० वर्ग किलोमीटर का परिसर आयएस के कब्जे में है, ऐसा माना जाता है। लेबेनॉन का लष्कर हथियार और प्रशिक्षण के लिए बड़े पैमाने पर अमरीका पर निर्भर है। इस वजह से लेबेनॉन सेना ने शुरु की हुई मुहीम अमरीका और सहयोगी देशों के मोर्चों की ओर से ‘आयएस’ के खिलाफ जारी मुहीम का हिस्सा माना जाता है।

लेबेनॉन सेना की ओर से ‘आयएस’ के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो रही है, ऐसे में सीरियन सीमा से सीरियन सेना और हिजबुल्लाह इस संगठन ने भी स्वतंत्र मुहीम हाथ में ली है। सिरीया के ‘वेस्टर्न कालामुन’ पहाड़ों में ‘आयएस’ का अड्डा है, जिसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की जानकारी सीरियन सेना और हिजबुल्लाह ने दी है। सीरियन सेना और हिजबुल्लाह इसके पहले भी ‘आयएस’ के खिलाफ संयुक्त लष्करी मुहीम में शामिल हुए थे। लेकिन लेबेनॉन सेना ‘आयएस’ के खिलाफ कार्रवाई करते समय हिजबुल्लाह और सीरियन सेना पहली बार कार्रवाई में शामिल हुए हैं।

पिछले साल भर में सीरियन सेना रशिया, ईरान और हिजबुल्लाह की ओर से मिली मदद के बलबूते पर ‘आयएस’ के कब्जे के बहुतांश इलाके पर नियंत्रण पाने में सफल रही है।

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