सीरिया के ऊर्जा प्रकल्प से तेल का भारी रिसाव – तुर्की, सायप्रस की यंत्रणा अलर्ट पर

syria-oil-leak-cyprus-3दमास्कस – सीरिया के ऊर्जा प्रकल्प से हज़ारों बैरल्स तेल का रिसाव हुआ है और तेल का परत भूमध्य समुद्र में फैलने लगी है। इसके बाद तुर्की और सायप्रस इन पड़ोसी देशों ने अपनी यंत्रणाओं को अलर्ट पर रखा है। ऐसे में यूरोपिय महासंघ ने भी सीरिया के इस तेल रिसाव पर चिंता जताई है। इससे समुद्री संपत्ति एवं सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण हुआ है, ऐसा महासंघ ने कहा। इस तेल रिसाव के कारण सीरिया के ऊर्जा प्रकल्प की सुरक्षा का मुद्दा भी उठ रहा है।

बीते हफ्ते २३ अगस्त के दिन सीरिया के पश्‍चिमी तट पर स्थित बनियास ऊर्जा प्रकल्प में तेल रिसाव होने की खबर सामने आयी थी। लेकिन, उस रिसाव को छोटा बताकर सीरियन यंत्रणाओं ने स्पन्ज और अपर्याप्त सामान रवाना किया था। लेकिन, तेल का रिसाव बढ़ा है और समुद्र में फैला तेल स्पंज और रबर की नलियों से रोकना मुमकिन नहीं होगा, ऐसी नाराज़गी स्थानीय लोगों ने जताई।

syria-oil-leak-cyprus-2दो दिन पहले बनियास प्रकल्प और इस तेल रिसाव के सैटेलाईट से प्राप्त फोटो प्रसिद्ध होने के बाद इसकी तीव्रता स्पष्ट हुई। तकरीबन ८०० वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यानी अमरीका के न्यूयॉर्क शहर के आकार जितना तेल फैला हुआ है ऐसा अमरिकी विश्‍लेषकों का कहना है। तभी सीरियन प्रकल्प से कम से कम २० हज़ार बैरल्स र्इंधन का रिसाव होन का अनुमान सायप्रस के अफसरों ने लगाया। यह तेल सायप्रस की दिशा में बढ़ने का ड़र जताया जा रहा था।

syria-oil-leak-cyprus-1सायप्रस के तट से मात्र सात किलोमीटर दूरी की दूरी तक यह तेल पहुँचा होने की बात कही जा रही थी। लेकिन, भूमध्य सागर की लहरों के साथ यह तेल तुर्की की दिशा में भी फैल रहा है, यह भी दावा किया जा रहा है। इस वजह से तुर्की की यंत्रणा अलर्ट पर है। तेल रिसाव को रोकने के लिए तुर्की ने अपने दो जहाज़ भूमध्य समुद्र में उतारे हैं।

हज़ारों बैरल्स के इस तेल रिसाव पर यूरोपिय महासंघ ने चिंता जताई है। भूमध्य समुद्र में इतनी भारी मात्रा में तेल रिसाव होने से इस समुद्री क्षेत्र से संबंधित सभी देश प्रभावित हुए हैं, ऐसा बयान महासंघ ने किया है। अब अगले पंद्रह वर्षों तक इसका असर पर्यावरण पर होता रहेगा, यह दावा पर्यावण प्रेमि संगठन कर रहे हैं। तेल रिसाव का अनुमान लगाने में यंत्रणा नाकाम होने से सीरिया की आलोचना हो रही है। लेकिन, इस अवसर पर सीरियन प्रकल्प की सुरक्षा का सवाल खड़ा हुआ है।

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