शरणार्थियों के झुंड़ रोकने के लिए पोलैण्ड ने दिए आपातस्थिति का ऐलान करने के संकेत

migrants-poland-emergency-1वार्सा/मिन्स्क – बेलारूस से पहुँच रहे शरणार्थियों के झुंड़ों को रोकने के लिए पौलैण्ड ने आपात्काल का ऐलान करने के संकेत दिए हैं। बेलारूस से जुड़े सरहदी क्षेत्र की स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है और संकट का दायरा बढ़ रहा है, इन शब्दों में पोलैण्ड के प्रधानमंत्री मौटेस्झ मोराविकी ने आपतस्थिति के संकेत दिए हैं। अवैध शरणार्थियों को रोकने के लिए पोलैण्ड ने पहले ही सरहदी क्षेत्र में तार की बाड़ का निर्माण शुरू किया है और लष्करी दल भी तैनात किए हैं।

यूरोपिय महासंघ ने बेलारूस के सर्वेसर्वा अलेक्ज़ैंडर लुकाशेन्को के साथ सरकार पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। लुकाशेन्को का विरोध करनेवाले नेताओं को कुछ यूरोपिय देशों ने आश्रय भी दिया है और बेलारूस पर दबाव ड़ालने की कोशिश हो रही है। महासंघ की इस कार्रवाई पर प्रत्युत्तर देने के लिए बेलारूस ने शरणार्थियों का इस्तेमाल करना शुरू किया है। बीते महीने में दो हज़ार से अधिक शरणार्थियों ने घुसपैठ करने की जानकारी पोलैण्ड ने साझा की है।

बेलारूस द्वारा पोलैण्ड मे घुसाए जा रहे शरणार्थियों के पीछे ऑलिम्पिक स्पर्धक के आश्रय का भी मुद्दा होने की बात समझी जा रही है। बीते महीने में टोकियो ऑलिम्पिक की स्पर्धक क्रिस्तसिना त्सिमानोस्काया नामक बेलारूस की महिला एथलिट ने पोलैण्ड के दूतावास में प्रवेश करके सनसनी निर्माण की थी। इस घटना के बाद पोलैण्ड सरकार ने क्रिस्तसिना को मानवीय आधार के तौर पर आश्रय देने का निर्णय किया था। इस घटना के बाद बेलारूस-पोलैण्ड की सीमा पर शरणार्थियों के झुंड़ बढ़ने लगे, ऐसा आरोप पोलैण्ड ने लगाया है।

migrants-poland-emergency-2पोलैण्ड में घुसाए जा रहे शरणार्थियों में इससे पहले अफ्रीकी और खाड़ी देशों के शरणार्थियों का समावेश था। लेकिन, अब इनमें अफ़गानिस्तान के शरणार्थियों की बढ़ोतरी हुई है और यह मुद्दा अधिक संवेदनशील हो गया है। यूरोपिय महासंघ ने पोलैण्ड द्वारा शरणार्थियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई को पूरा समर्थन दिया है। कुछ दिन पहले हुई एक बैठक के दौरान यूरोपिय महासंघ ने अफ़गान शरणार्थियों के झुंड़ों को रोकने के लिए निर्णय करने की बात भी सामने आयी है।

इस पृष्ठभूमि पर पोलैण्ड ने अधिक आक्रामक भूमिका अपनाकर सीधे आपात स्थिति का ऐलान करने के संकेत दिए हैं। बेलारूस की सीमा से जुड़े पौडलास्की और लुबेल्स्की प्रांतों में आपात्काल लागू किया जा रहा है। लगभग एक महीने के लिए यह आपात्काल जारी रहेगा और इसके लिए सुरक्षा बलों के अतिरिक्त सैनिकों की भी तैनाती होगी। आपात्काल के दौरान शरणार्थियों की आवाजाही पूरी तरह से रोकी जाएगी, यह दावा भी पोलिश सूत्रों ने किया है।

पोलैण्ड ने बीते महीने में ही यह इशारा दिया था कि, बेलारूस शरणार्थियों के माध्यम से यूरोपिय महासंघ के खिलाफ ‘हायब्रिड वॉर’ खेल रहा है। बेलारूस शरणार्थियों का इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहा है, यह आरोप लगाकर पोलैण्ड ने सनसनी मचाई थी। तभी, बेलारूस रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के हाथों का हथियार होने का बयान ब्रिटेन के नामांकित अध्ययन मंड़ल कैथम हाऊस ने किया था।

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