दक्षिण कोरिया, जापान के निकट रशिया और चीन के गश्ती से तनाव

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – रशिया और चीन के बॉम्बर विमानों का ‘सी ऑफ जापान’ की सीमा में पहला अभ्यास शुरू हुआ है| यह अभ्यास मतलब दोनों देशों के सहयोग की नई शुरुआत होने की बात चीन ने कही है| इस अभ्यास के दौरान रशिया एवं चीन के बॉम्बर्स विमान दक्षिण कोरिया के हवाई सीमा में घुसे थे| उसके बाद बौखलाए हुए दक्षिण कोरिया ने अपने लड़ाकू विमान भेजे थे| रशिया और चीन के इस क्षेत्र के युद्धाभ्यास पर दक्षिण कोरिया के साथ जापान ने भी तीव्र चिंता व्यक्त की है| रशिया एवं चीन की घुसपैठ दक्षिण कोरिया एवं जापान में सामरिक अड्डे होनेवाले अमरिका के लिए खतरा होने का दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं|

मंगलवार से रशिया और चीन के वायुसेना का अभ्यास शुरू हुआ है| इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के बॉम्बर्स तथा दूर अंतर के गश्ती विमानों को शामिल किया गया है| रशिया एवं चीन में लष्करी सहयोग रेखांकित करने के लिए इस अभ्यास का आयोजन करने की बात रशिया के रक्षा मुख्यालय ने कही है| एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गश्ती का अभ्यास इस युद्धाभ्यास के जरिए करने की बात रशियाने घोषित की थी| तथा इस अभ्यास की वजह से दोनों देशों का सामरिक सहयोग अधिक दृढ़ होगा, ऐसा विश्वास चीन ने व्यक्त किया है|

यह अभ्यास अंतर्राष्ट्रीय हवाई सीमा में आयोजित होनेवाला था| पर पिछले २ दिनों से रशिया एवं चीन के एक गश्ती और बॉम्बर विमान दक्षिण कोरिया तथा जापान की हवाई सीमा के पास अभ्यास कर रहे हैं| मंगलवार को चीन एवं उसके बाद रशिया के गश्ती तथा बॉम्बर विमानों ने दक्षिण कोरिया के हवाई सीमा में घुसपैठ की थी| तथा अपने हवाई सीमा के पास भी इन विमानों ने खतरनाक रूप से उड़ान करने का आरोप जापान ने किया था|

रशियन विमानों को भगाने के लिए दक्षिण कोरिया ने ३०० वार्निंग शॉटस् एवं २० फ्लेयर फायर किए थे| तथा इसके आगे रशियन विमानों ने अपने हवाई सीमा में घुसपैठ की तो उसके गंभीर परिणाम होंगे, ऐसी चेतावनी दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने दी थी| उसके बाद दक्षिण कोरिया एवं जापान ने अपनी हवाई सीमा की सुरक्षा के लिए लड़ाकू विमान तैनात किए थे|

इसकी वजह से इस क्षेत्र में तनाव निर्माण हुआ है| फिलहाल रशिया, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के लड़ाकू विमान ‘सी ऑफ जापान’ के क्षेत्र में मंडरा रहे हैं| रशिया एवं चीन का यह युद्धाभ्यास आनेवाले कुछ घंटों में खत्म होगा और इससे पहले ही दक्षिण कोरिया एवं जापान अपने लड़ाकू विमानों की तैनाती पीछे लेने के लिए तैयार नहीं है| पूर्व एशिया में इस परिस्थिति पर अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों ने चिंता व्यक्त की है|

रशिया एवं चीन का युद्धाभ्यास शुरू होनेवाले हवाई सीमा से कुछ अंतर पर जापान और दक्षिण कोरिया में अमरिका का सामरिक अड्डा है| इस अड्डे पर अमरिका की युद्धनौका, स्टेल्थ विमान, बॉम्बर्स, मिसाइल भेदी तथा हवाई सुरक्षा यंत्रणा तैनात है| जिसकी वजह से रशिया एवं चीन का यह युद्धाभ्यास पूर्व एशिया में अमरिका के वर्चस्व को चुनौती देनेवाला होने का दावा विश्‍लेषकों ने किया है|

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