अमरीका ने नए प्रतिबन्ध लगाए तो ईरान परमाणु अनुबंध से बाहर पड़ेगा- ईरान के राष्ट्राध्यक्ष की धमकी

तेहरान: ‘ईरान पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद क्या होता है, इसका अनुभव अमरीका को लेना है तो वो बेशक प्रतिबन्ध लगाए। उसके बाद कुछ ही घंटों में ईरान परमाणु अनुबंध से बाहर पड़ेगा और अपना परमाणु कार्यक्रम पहले से भी अधिक तेजी से कार्यान्वित करेगा’, ऐसी धमकी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने दी है। पिछले महीने में अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर, ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने अमरीका के साथ पश्चिमी देशों को धमकाया है।

लगातार दूसरी बार राष्ट्राध्यक्ष पद पर चुने गए रोहानी ने ईरान की संसद में बोलते हुए अमरीका के प्रतिबंधों पर जोरदार टीका की है। ‘अमरीका और पश्चिमी देशों के साथ हुए परमाणु अनुबंध के साथ ईरान हमेशा से ही इमानदार रहा है और इसके आगे भी ईरान इस अनुबंध का पालन करेगा। लेकिन अन्य देशों की ओर से परमाणु अनुबंध का उल्लंघन होने वाला है तो उसे सीधा जवाब दिया जाएगा’, ऐसा रोहानी ने कहा है। इसके साथ ही ईरान इस परमाणु अनुबंध के साथ इमानदार न होने के अमरीका के आरोपों को जवाब देते समय ट्रम्प प्रशासन ही परमाणु अनुबंध के साथ इमानदार नहीं है, ऐसा रोहानी ने आरोप लगाया है।

पिछले चार महीनों में अमरीकाने ईरान पर दो बार प्रतिबन्ध लगाए हैं। ईरान ने परमाणु परिक्षण करके संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का आरोप ट्रम्प ने लगाया था। लेकिन ‘अमरीका के यह प्रतिबन्ध हमें मंजूर नहीं हैं इसके आगे प्रतिबन्ध लगाए तो ईरान परमाणु कार्यक्रम फिरसे तेज करेगा। परमाणु अनुबंध से पहले जिस तेजी से ईरान का परमाणु कार्यक्रम शुरू था, उसी तेजी से परमाणु कार्यक्रम फिर से शुरू करने के लिए हफ्ते या महीने नहीं लगेंगे। कुछ ही घंटों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम फिर से शुरू होगा’, ऐसा कहकर रोहानी ने ईरान की तैयारी दिखाई है।

ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने की हुई इस घोषणा की वजह से ईरान के पास अभी भी संवर्धित युरेनियम का पर्याप्त भंडार होने की संभावना है। दौरान, अमरीका और पश्चिमी देशों के साथ हुए परमाणु अनुबंध की तरह ईरान ने परमाणु प्रकल्प का संवर्धित युरेनियम का भंडार अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को सौंपने की बात जाहिर की थी। ईरान के पास सिर्फ परमाणु उर्जा इस्तेमाल करने के लिए बीस प्रतिशत से भी कम युरेनियम का भंडार होने की बात इससे पहले जाहिर की गई थी। इस वजह से ईरान के परमाणु कार्यक्रम की गति कम होगी, ऐसी संभावना जताई जा रही थी। इस वजह से अगले दो दशक तक ईरान परमाणु निर्मिती नहीं कर सकता, ऐसा दावा अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने किया था।

उनके इस दावे पर इस्रायल ने अविश्वास दिखाया था। ईरान का परमाणु कार्यक्रम खंडित नहीं हुआ है और वो अभी भी शुरू होने का आरोप इस्रायल ने किया था। लेकिन ओबामा प्रशासन और यूरोपीय देशों ने इस्रायल के दावों को ख़ारिज किया था।

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