‘आर्मी डे परेड’ में ‘ड्रोन्स’ का सामर्थ्य दिखाकर भारत का शत्रु देशों को इशारा – एक ही समय पर भरी ७५ ‘स्वार्म ड्रोन्स’ ने उड़ान

नई दिल्ली – शुक्रवार के दिन ‘आर्मी डे परेड’ में एक साथ ७५ ‘स्वार्म ड्रोन्स’ ने उड़ान भरी। साथ ही इस दौरान हुए प्रदर्शनों में इन ड्रोन्स के ज़रिये शत्रु के टैंक और ठिकानों को तहस नहस करके भारतीय सेना ने अपनी ‘ड्रोन शक्ति’ का नमुना विश्‍व को दिखाया। भविष्य के आधुनिक युद्ध के लिए भारत तैयार है, यह स्पष्ट इशारा इसके ज़रिये शत्रु देशों को दिया गया है। लद्दाख की सीमा पर तनाव का माहौल होते हुए चीन ने बीते वर्ष एक साथ २०० ‘स्वार्म ड्रोन्स’ उड़ाने का परीक्षण किया था। साथ ही लद्दाख की सीमा के करीब चीन ने ‘ड्रोन्स’ तैनात करने की खबरें भी प्राप्त हुई थीं। इस पृष्ठभूमि पर भारत ने ‘आर्मी डे परेड’ में पहली बार ‘स्वार्म ड्रोन्स’ का प्रदर्शन करना ध्यान आकर्षित करता है।

Army-day-paradeभारतीय सेना के ७३ वें ‘आर्मी डे’ के अवसर पर शुक्रवार सुबह हुई परेड के दौरान भारतीय सेना ने शक्तिप्रदर्शन किया। इसमें भारत के ७५ स्वार्म ड्रोन्स ने इन प्रदर्शनों के दौरान उड़ान भरी। इस वर्ष पहली बार भारतीय सेना ने अपना ‘ड्रोन सामर्थ्य’ विश्‍व के सामने पेश किया। इस दौरान किए गए सांस रोकनेवाले प्रदर्शन के दौरान भारतीय ‘कॉम्बैट स्वार्म ड्रोन्स’ ने एकसाथ शत्रु के इलाके में धावा बोलकर शत्रु के टैंक, रनवे, आतंकियों के अड्डे, ईंधन टैंक तहस नहस किए। साथ ही ‘मदर ड्रोन सिस्टम’ को भी इन प्रदर्शनों में शामिल किया गया था। इस ‘मदर ड्रोन’ से निकले चार ‘चाईल्ड ड्रोन्स’ ने निर्धारित किए लक्ष्य को बड़ी सटीकता से निशाना बनाया।

Army-day-paradeइसके ज़रिये भारतीय सेना ने अपनी ‘नो कॉन्टैक्ट वॉरफेअर’ के लिए की गई तैयारी का भी प्रदर्शन किया है। भविष्य में होनेवाले युद्ध के लिए भारतीय सेना तैयार है और किसी भी तरह का खतरा उठाए बगैर शत्रु की सीमा में तबाही मचाने का सामर्थ्य भी भारत रखता है, यह बात इस अवसर पर रेखांकित की गई है। भविष्य के प्रगत युद्ध में ‘स्वार्म ड्रोन ऑपरेशन’ काफी अहम साबित होगा। बडी संख्या में एक साथ उड़ान भरनेवाले ‘स्वार्म ड्रोन’ शत्रु के इला्के में प्रवेश करते हैं तब इन्हें लक्ष्य करना कठिन होता है। इस वजह से शत्रु की हवाई सुरक्षा यंत्रणा को आसानी से चकमा देना संभव होता है। साथ ही यह ड्रोन एक दूसरे से संपर्क बनाकर उनके लिए तय किए गए अलग अलग लक्ष्यों को निशाना बनाते हैं। इसे ‘स्वार्म ड्रोन ऑपरेशन’ कहा जाता है।

Army-day-paradeसिर्फ शत्रु के ठिकानों को तहस नहस करने के लिए ही नहीं बल्कि, शत्रु के प्रदेश में फंसे अपने सैनिकों को आवश्‍यक रसद एवं युद्ध सामग्री की आपूर्ति करने के लिए भी ‘स्वार्म ड्रोन’ काफी अहम साबित होंगे। विश्‍व के ताकतवर देशों ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’ (एआय) पर आधारित युद्ध सामग्री में बढ़ोतरी की है। बीते वर्ष भारत ने भी रक्षाबलों में ‘एआय’ तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने का ऐलान किया था। इस नज़रिये से भारतीय सेना ने ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (डीआरडीओ) के साथ ‘स्टार्ट अप’ कंपनियों के साथ भी काम करना शुरू किया था। ‘स्वार्म ड्रोन्स’ तकनीक पर भारत ने बीते वर्ष ही काम शुरू किया था। साथ ही ‘एआय’ के साथ ‘क्वांटम’ तकनीक, ‘रोबोटिक्स’, ‘अल्गोरिदम वॉरफेअर’ जैसी प्रगत तकनी्कों पर भी भारतीय सेना ने काम करना शुरू किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.