नेपाल की स्थिरता के लिए भारत का पूर्ण समर्थन होगा- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की गवाही

काठमांडू: नेपाल के साथ द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाई पर जाए, इसलिए इस देश के लोकतंत्रवादी सल्तनत से सहयोग करने पर भारत उत्सुक होकर, नेपाल का विकास एवं राजनीतिक स्थिरता के लिए भारत पूर्ण समर्थन देगा, ऐसी गवाही भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी है। विदेश मंत्री स्वराज २ दिनों के नेपाल दौरे पर होकर, उस समय उन्होंने नेपाल के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा माओवादी पक्ष के प्रमुख प्रचंड से मुलाकात की है।

नेपाल मे पिछले वर्ष हुए चुनाव के बाद माओवादी पक्ष के संगठन की सरकार स्थापित हुई है। इस सत्ताधारी संगठन के ३ समर्थक होकर उनके माध्यम से चीन भारत को शह देने का प्रयत्न करने की बात मानी जाती है। चीन के इन गतिविधियों को रोकने के लिए भारत ने नेपाल के साथ सहयोग पर लक्ष्य केंद्रित किया है। गुरुवार को घोषित हुए संकल्प में भारत ने नेपाल को दिए जाने वाली वित्तीय सहायता में बढ़त करने की घोषणा कर के सन २०१८-१९ वर्ष के लिए प्रावधान ६५० करोड़ रूपयों का किया है। पिछले वर्ष की अवधि ३७५ करोड रुपए इतना था।

इस पृष्ठभूमि पर विदेश मंत्री स्वराज का नेपाल दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गुरुवार को नेपाल में दाखिल हुए स्वराज ने सरकार का भाग होने वाले माओवादी पक्ष के नेता ‘केपी शर्मा ओली’ और भूतपूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड से स्वतंत्र रूप से मुलाकात की है। उस समय विदेश मंत्री स्वराज ने माओवादी पक्ष के नेताओं को चुनाव में मिलने वाले सफलता और सरकार की स्थापना के बारे में मुबारकबात दी है।

माओवादी सीपीएन पक्ष के प्रमुख प्रचंड के साथ हुई चर्चा में भारतीय विदेश मंत्री ने नेपाल का विकास एवं राजनीतिक स्थिरता इन मुद्दों को प्राथमिकता दि है। नेपाल में राजनीतिक स्थिरता रहे एवं उसका विकास हो उस के लिए भारत अपना संपूर्ण सहयोग देगा, ऐसी गवाही सुषमा स्वराज ने दी है। भारतीय विदेश मंत्री के साथ चर्चा सकारात्मक होने की जानकारी प्रचंड ने घोषित की है। तथा केपी शर्मा ओली ने नेपाल समृद्धि के लिए भारत के साथ साझेदारी करने में उत्सुक होने की बात कही है। विदेश मंत्री स्वराज ने नेपाल के राष्ट्रपति बिद्या भंडारी तथा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.