भारतीय सेना ने लद्दाख की ‘एलएसी’ पर किए मिसाइल तैनात

नई दिल्ली – ‘सुपरसोनिक ब्रह्मोस’, ‘आकाश’, हज़ार किमी दूरी के लक्ष्य को सटिकता से तहस-नहस करनेवाले ‘निर्भय’ मिसाइलों की भारतीय सेना ने लद्दाख की सीमा पर तैनाती की हैं। साथ ही दोनों देशों के बीच हुई चर्चा का सम्मान जबतक चीन नही करता तबतक सीमा पर शांति स्थापित होना संभव नही होगा, यह संदेश भी भारत ने चीन को दिया हैं। इसी बीच, ‘एलएसी’ पर फिलहाल युद्ध भी नही और शांति भी नही हैं, लेकिन, भारतीय वायुसेना किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं, ऐसा सूचक बयान भारतीय वायुसेनाप्रमुख आर.के.एस.भदौरिया ने किया हैं।

‘एलएसी’

भारत और चीन के बीच लद्दाख की ‘एलएसी’ पर हुई चर्चा में भारत ने काफ़ी आक्रामक भूमिका अपनाई थी। लगातार घुसपैठ करके भारत के क्षेत्र पर अधिकार जता रहें चीन ने अपनी सीमा पुख्ता कहातक हैं, यह बात पहले स्पष्ट करें, यह मांग भारत ने बरकरार रखी। इसकी वजह से चीन की बड़ी मुश्‍किलें हुई और पहले भारत लद्दाख से सेना पीछे हटाए, उसके बाद ही इसपर चर्चा करना संभव होगा, यह स्वर चीन ने लगाया था। लेकिन, भारत अब चीन पर भरोसा करने के लिए तैयार नही हैं। भारतीय सेना ने कड़ी ठंड़ में भी लद्दाख में लंबे समय तक रहने की तैयारी रखी हैं। वहीं, दुसरी ओर यहां के मौसम में रहने की आदत ना होनेवाले चीनी सैनिक ठंड़ से सिकुड़कर बीमार पड़ने लगे हैं। ऐसी स्थिति में भी चीन ने भारत को धमकियां, इशारें और उकसाने की हरकतें जारी रखी हैं।

चीन, लद्दाख को भारत का केंद्रशासित प्रदेश नही समझता, ऐसा उकसानेवाले बयान चीन ने किया हैं। इसपर भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं और प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा को लेकर चीन की एकतरफा भूमिका भारत ने कभी भी स्वीकार नही की हैं। वर्ष १९५९ से भारत की इससे संबंधित भूमिका काफ़ी स्पष्ट हैं और इसमें बदलाव नही हुआ हैं, यह बात भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन से ड़टकर कही हैं। साथ ही दोनों देशों के बीच हुई चर्चा का सम्मान करें नही तो सीमा पर शांति नही स्थापित होगी, इस बात का कड़ा अहसास भी भारतीय विदेश मंत्रालय ने कराया हैं। चीन ने भारत का भरोसा खोया हैं, यह बात भारत अलग अलग तरीके से चीन तक पहुँचा रहा हैं। पुख्ता कार्रवाई किए बिना भारत अब चीन पर भरोसा नही करेगा, ऐसा तीखा इशारा भी भारत दे रहा हैं।

युद्ध के लिए भारत पुरी तरह से तैयार हैं और यह तैयारी मात्र बयानी नही हैं, इस सच्चाई का अनुभव भी चीन कर रहा हैं। लद्दाख की सीमा पर चीन की दिशा में ब्रह्मोस, आकाश और निर्भय मिसाइल तैनात करने का साहस भारत रखता हैं, इस बात का भी अनुभव चीन प्राप्त कर रहा हैं। भारत की ‘मैकनाईज्ड इन्फंट्री’ पहले ही ‘एलएसी’ पर पहुँची हैं और हमारे सैनिकों का मनोबल उच्च होने का विश्‍वास लष्करी अधिकारी व्यक्त कर रहे हैं। इसी बीच, वायुसेनाप्रमुख भदौरिया ने फिलहाल एलएसी पर युद्ध भी नही और शांति भी नही, ऐसी स्थिति होने का बयान किया हैं। यहां पर किसी भी क्षण युद्ध की चिंगारी भड़क सकती हैं, यह बात वायुसेनाप्रमुख अलग अलग शब्दों में कह रहे हैं। चीनी सेना ने किसी भी प्रकार की हरकत की तो उसे गोलीबारी से जवाब देने के आदेश भारतीय सेना को पहले ही दिए गए हैं। इसी कारण दोनों देशों में युद्ध भड़केगा, ऐसी चिंता चीन के सरका मुखपत्र ने व्यक्त की थी।

चीन दे रहें युद्ध की धमकियों से हमपर किसी भी प्रकार का असर नही होगा। बल्कि इससे भारत अपनी युद्ध की तैयारी बढ़ाता रहेगा, इस बात का अहसास भी चीन को हुआ हैं। उसी समय भारत अक्साई चीन पर कब्जा करने के लिए कभी भी हमला कर सकता हैं, यह ड़र चीन के पूर्व लष्करी अधिकारी व्यक्त करने लगे हैं। हमलावर और घुसपैठी की भूमिका में रहा चीन अब रक्षात्मक भूमिका अपनाता हुआ दिखाई देने की बात पर भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी ध्यान केंद्रीत कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में चीन अपने रक्षा सामानों को लेकर कर रहें दावें खोखले होने की बात की एक जर्मन कंपनी ने पोलखोल की हैं। राड़ार यंत्रणा को चकमा देनेवालें स्टेल्थ लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स और मिसाईल हमारे पास होने का प्रचार चीन ने किया था। इसमें सच्चाई नही हैं और चीन ने इतनी प्रगत तकनीक प्राप्त नही की हैं, यह बयान संबंधित जर्मन कंपनी ने किया हैं। इसी कारण प्रत्यक्ष युद्ध में हम तकनीक से हावी रहेंगे और भारत को आसानी से परास्त कर सकेंगे, यह चीन ने किया हुआ दावा खोखला होने की बात भी स्पष्ट हो रही हैं।

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