भारत तैवान को पनडुब्बी की तकनीक ना दे – चीन की चेतावनी

बीजिंग – पाकिस्तान के लिए आठ पनडुब्बीयों का निर्माण करके भारत की सुरक्षा के लिए चुनौती दे रहे चीन अब भारत को तैवान के तिए पनडुब्बी की तकनीक की आपुर्ति ना करने की चेतावनी दे रहा है| चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग इन्होंने अमरिका, जापान के साथ भारत को भी यह चेतावनी देकर इस वजह से द्विपक्षीय संबंध बिगडेंगे, यह धमकी दी है| तैवान यह आजाद देश नही है, बल्कि वह अपना ही हिस्सा है, यह दावा चीन कर रहा है| इस वजह से अन्य कोई भी देश तैवान को रक्षा विषयक सहयोग ना करे, यह चीन की भूमिका है|

पिछले कुछ दिनों से तैवान का प्रश्‍न गंभीर हो रहा है और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इन्होंने लष्करी कार्रवाई करके तैवान पर कब्जा करने की धमकी दी थी| इसके बाद क्रोधित हुए तैवान ने युद्ध के लिए तैयारी करने का निर्णय किया है| अमरिका और जापान यह देश तैवान को सुरक्षा के लिए सहायता कर रहे है| कुछ महीनों पहले तैवान ने पनडुब्बी की तकनीक पाने की तैयारी की थी| इसके लिए अमरिकी और जापानी कंपनीयों के साथ भारतीय कंपनी ने भी तैवान को सहायता करने की तैयारी दिखाई थी| तैवान के माध्यमों में इस संबंधी समाचार प्रसिद्ध हुए थे|

इस की जानकारी पाकर चीन ने गंभीरता से अमरिका, जापान के साथ भारत को भी चेतावनी दी है| तैवान का प्रश्‍न काफी संवेदनशील है और कोई भी देश तैवान को रक्षा विषयक सहायता ना करे| इसके अलावा पनडुब्बी की तकनीक भी किसी भी देश से तैवान को प्राप्त ना हो, ऐसा हुआ तो चीन के साथ संबंधों पर उसका प्रतिकूल असर होगा, यह चेतावनी चीन के विदेश मंत्रालय ने दी है| चीन के विदेश मंत्रालक की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग इन्होंने इस विषय पर भारत को भी इशारा दिया है|

भारत को इस विषय पर चेतावनी देनेवाले चीन ने इससे पहले भारत ने उपस्थित की हुई सुरक्षा संबंधी चिंचा की ओर लगातार अनदेखी की है| पाकिस्तान के लिए चीन आंठ पनडुब्बीयों का निर्माण कर रहा है| इनका इस्तेमाल सिर्फ भारत के विरोध में ही होगा, इसका चीन को पूरा ज्ञान है| साथ ही चीन और पाकिस्तान के बीच ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ परियोजना भारत का सार्वभौम अधिकार होने वाले ‘पाकिस्तान के कब्जे के कश्मीर की भूभाग से गुजरता है| इस बारे में भारत ने उपस्थित किए प्रश्‍न चीन नजरअंदाज कर रहा था|

भारती की सुरक्षा विषयक हितसंबंधों को झटका देनेवाले निर्णय करनेवाला चीन तैवान के साथ भारत के सहयोग पर आपत्ति जता कर इस पर विचार करने की अपेक्षा व्यक्त कर रहा है| लेकिन, अमरिका और जापान के साथ भारत भी चीन को प्रति शह देने के लिए तैवान के साथ रक्षा विषयक सहयोग बढाने का निर्णय कर सकता है, यह संकेत प्राप्त हो रहे है| भारत की सुरक्षा को चुनौती देने की तैयारी चीन कर रहा है, तो इसके जवाब में भारत तैवान के साथ सहयोग कर सकता है, यह एहसास दिलाने का अच्छा अवसर भी इससे भारत को प्राप्त हो रहा है|

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