‘वैक्सीन पासपोर्ट’ को भारत का विरोध

‘जी ७’ की बैठक में भारत ने ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ के मुद्दे पर विकासशील देशों के पक्ष में अपनी भूमिका स्पष्ट की है। ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ के प्रस्ताव पर चिंता जताकर, इस तरह की पद्धती की पहल भेदभाव करनेवाली साबित होगी, यह दावा भारत ने किया है।

 

नई दिल्ली – कोरोना संकट में भयंकर परिणामों का सामना कर रही विश्‍वभर की अन्तर्राष्ट्रीय विमान सेवा सामान्य होने के लिए ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ का प्रस्ताव सामने आया है। लेकिन, भारत ने इस तरह के प्रस्ताव का विरोध किया है। शनिवार के दिन ‘जी ७’ देशों के स्वास्थ्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्ष वर्धन ने ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ के मुद्दे पर भारत की भूमिका स्पष्ट की। अन्तर्राष्ट्रीय विमान सेवा सामान्य करने के लिए इस पद्धति के नियम विकासशील देशों के लिए असुविधाजनक साबित होंगे, ऐसा भारत ने कहा है।

India-vaccine-passport (1)कोरोना की महामारी की वजह से विश्‍वभर में सभी क्षेत्रों पर विपरित असर हुआ है। अन्तर्राष्ट्रीय विमान सेवा भी इससे काफी मुश्‍किलों का सामना कर रही है और कोरोना की महामारी जहाँ कोहराम मचा रही है, ऐसें देशों की विमान सेवा पर प्रतिबंध लगाने पड़े हैं। ऐसी स्थिति में अन्तर्राष्ट्रीय विमान सेवा सामान्य करने की कोशिश हो रही है और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने इसके लिए ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ का प्रस्ताव रखा है। इसके अनुसार, किसी भी दूसरे देश में जाने के लिए यात्रियों को टीकाकरण का प्रमाण पत्र और यात्रा के लिए आवश्‍यक कागजात ‘डिजिटल फॉर्मेट’ में रखना आवश्‍यक रहेगा। इसी कारण इसे ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ कहा जा रहा है।

लेकिन, शुक्रवार के दिन हुई ‘जी ७’ देशों के स्वास्थ्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक में भारत ने इस तरह के ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ को विरोध जताया। फिलहाल कई विकासशील देशों तक कोरोना की वैक्सीन पहुँची नहीं है या कम मात्रा में उपलब्ध है। इस वजह से विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में टीकाकरण की मात्रा काफी कम है। ऐसी स्थिति विकासशील देशों के लिए भेदभाव करनेवाली होने का विचार भारत रखता है, यह बात स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्धन ने स्पष्ट की।

India-vaccine-passport-01-217x300‘कोरोना वैक्सीन के उत्पादन को अभी भी आवश्‍यक गति प्राप्त नहीं हुई है। इस वजह से इस वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाकर आपूर्ति सामान्य करने की आवश्‍यकता हैै। विश्‍व की ६० प्रतिशत वैक्सीन का उत्पादन भारत में हो रहा है। इस क्षेत्र में भारत ने महारत हासिल की है। इसका लाभ विश्‍व को वैक्सीन का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के लिए होगा’, यह बात हर्ष वर्धन ने कही। साथ ही, जागतिक स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में सुधार करना आवश्‍यक हुआ है, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया। साथ ही ‘पेंडामिक ट्रिटी’ के प्रस्ताव का समर्थन करके, इससे भविष्य में इस तरह की महामारी का मुकाबला काफी अच्छे तरीके से करना मुमकिन होगा, यह विश्‍वास हर्ष वर्धन ने व्यक्त किया।

इसी बीच, भारत की ‘कोवैक्सीन’ को ‘डब्ल्यूएचओ’ ने अभी तक मंज़ूरी प्रदान नहीं की है। भारत बायोटेक ने ‘कोवैक्सीन’ को मंज़ूरी प्राप्त करने के लिए ‘डब्ल्यूएचओ’ के सामने अपनी अर्ज़ी भी दाखिल की है। ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ के लिए अगर सिर्फ ‘डब्ल्यूएचओ’ ने मंज़ूरी प्रदान की हुई ‘वैक्सीन’ का ही विचार किया गया, तो भारत के लिए यह मुश्‍किल बन सकती हैं। इस वजह से, भारत ने ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ संबंधित विकासशील देशों की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करना अहमियत रखता है।

ब्रिटेन में ११ से १३ जून के दौरान ‘जी ७’ की बैठक आयोजित होगी। इस बैठक में ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ संबंधित सहमति करने की कोशिश होने की संभावना है। इससे पहले ही भारत ने स्पष्ट की हुई अपनी भूमिका ध्यान आकर्षित कर रही है।

भारत ‘जी ७’ गुट का सदस्य नहीं है। लेकिन, वर्तमान वर्ष में भारत इस बैठक में शामिल हो रहा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने ही भारत को इस बैठक का न्यौता दिया था। लेकिन, कोरोना के संकट की वजह से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में ‘वर्चुअली’ शामिल हो रहे हैं। कनाड़ा, फ्रान्स, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका इन देशों के साथ युरोपियन युनियन का समावेश होनेवाले ‘जी ७’ गुट में इस वर्ष भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया शामिल हो रहे हैं।

बीते वर्ष अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘जी ७’ का विस्तार करने का प्रस्ताव पेश करके भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को इस गुट में शामिल करने का प्रस्ताव सबसे पहले रखा था। इसके बाद ब्रिटेन, फ्रान्स जैसें देशों ने भी इस प्रस्ताव का स्वागत किया था। लेकिन, यह बैठक कोरोना संक्रमण की वजह से रद हुई थी। इस वजह से, भारत का समावेश होनेवाली, ब्रिटेन में आयोजित हो रही ‘जी ७’ की इस बैठक की अहमियत बढ़ी है।

ReplyReply allForward

Leave a Reply

Your email address will not be published.