अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था खतरनाक समय की ओर बढ रही है – निवेशक जिम रॉजर्स का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन: ‘दुनिया की सेंट्रल बैंकों ने ब्याजदर कम रखकर बडी मात्रा में चलन की छपाई करना जारी रखा है| यह पागलपन है| इसी से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था पर कर्ज का भार काफी मात्रा में बढ रहा है और अर्थव्यवस्था खतरनाक समय की ओर बढ रही है’, यह चेतावनी नामांकित निवेशक जिम रॉजर्स ने दी है| कुछ दिन पहले ही ‘वर्ल्ड बैंक’ ने ‘ग्लोबल वेव्हज् ऑफ डेब्ट्’ नाम से प्रसिद्ध किए रपट में वर्तमान समय में १९७० के दशक के बाद सबसे अधिक गति से कर्ज का भार बढ रहा है, यह चेतावनी जारी की थी|

जिम रॉजर्स ने एक समाचार चैनल से साझा की हुई जानकारी में फिलहाल दुनिया की सेंट्रल बैंकों ने अपनाई गई नीति और उसके असर के मुद्दों पर नाराजगी व्यक्त की है| ‘फिलहाल अर्थव्यवस्था में ब्याजों का दर कभी नही थे, इतने कम स्तर पर जा पहुंचे है| अमरिका की फेडरल रिझर्व्ह ने मात्र दशक के दौरान अपने कारोबार में ५०० प्रतिशत बढोतरी की है| जापान की सेंट्रल बैंक ने चलन की छपाई और बांड की खरीद करना जारी रखा है| इसके साथ ही अन्य बैंकों ने अपनाई नीति यानी पागलपन है और इस तरह से संतुलित आर्थिक व्यवस्था का काम नही होता’, इन शब्दों में रॉजर्स ने सेंट्रल बैंकों पर आलोचना की है|

वर्ष २००८ में देखी गई मंदी का कारण बढता कर्ज था और इसके बाद अब भी कर्ज का भार काफी मात्रा में बढता दिख रहा है| यही जारी रहा तो जागतिक अर्थव्यवस्था भयंकर स्थिति में दिखेगी’, यह इशारा जिम रॉजर्स ने दिया है| रॉजर्स के इस बयान को कुछ दिन पहले ही वैश्‍विक बैंक ने प्रसिद्ध किए रपट की पृष्ठभूमि होने की बात समझी जा रही है| इस रपट में जागतिक अर्थव्यवस्था पर कर्ज के भार की लहरें टकरा रही है, यह इशारा इसमें दिया गया था|

पिछले वर्ष ‘इन्स्टिट्युट ऑफ इंटरनैशनल फायनान्स’ ने हाल ही में ‘ग्लोबल डेब्ट् मॉनिटर’ नाम का रपट जारी किया था| इसमें जागतिक अर्थव्यवस्था पर बने कर्ज का भार २५० ट्रिलियन डॉलर्स (२५० लाख करोड डॉलर्स) तक जा पहुंचने का इशारा दिया गया था| इस बडते भार के लिए अमरिका और चीन यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था जिम्मेदार होने का आरोप भी इस वित्तसंस्था ने रखा था|

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