विदेशी निवेश के बारे मे नियम शिथिल

एअर इंडिया मे ४९ प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी

सिंगल ब्रांड रिटेल, गृहनिर्माण क्षेत्र मे १०० प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी

नई दिल्ली: विदेशी निवेश को चालना देने के लिए केंद्र सरकारने सीधे विदेशी निवेश की धारणा में सुधार करने का साहसपूर्ण कदम उठाया है। बुधवार को हुए मंत्रिमंडल की बैठक में सिंगल ब्रांड रिटेल क्षेत्र में और भवन निर्माण उद्योग क्षेत्र में १०० प्रतिशत विदेशी निवेश ‘ऑटोमेटिक रूट’ द्वारा करने को मंजूरी दी है। इसकी वजह से इस क्षेत्र में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों को सरकार की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। इसकी वजह से बड़ी तादाद में विदेशी निवेशकार आकर्षित होंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है। इसके सिवाय नुकसान में चलने वाले एयर इंडिया मैं ४९ प्रतिशत विदेशी निवेश को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।

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बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनकी अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई है। इस बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। सीधे विदेशी निवेश अर्थात ‘एफडीआय’ के नियम में बडे सुधार के दृष्टि से इस बैठक में कदम उठाए गए हैं। इसके अनुसार सिंगल ब्रांड रिटेल क्षेत्र में और भवन उद्योग क्षेत्र में ‘ऑटोमेटिक रुट’ द्वारा १०० प्रतिशत निवेश को मंजूरी दी गई है। इन दोनों क्षेत्र में इससे पहले सौ प्रतिशत निवेश को अनुमति दी गई थी पर ५०% से अधिक के एफडीआई प्रस्ताव के लिए सरकार की मंजूरी लेना बंधनकारक था नए निर्णय के अनुसार यह बंधन अब शिथिल किया गया है।

इसके सिवाय सीधे विदेशी निवेश की धारणा में वैद्यकीय उपकरणों की व्याख्या में सुधार हुआ है। एफडीआय धारणा की वजह से सुलभ हुए हैं और इसकी वजह से बड़ी तादाद में विदेशी निवेशकार भारत में आकर्षित होंगे, ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है। इसके सिवाय ५० हजार करोड़ से अधिक कर्ज होनेवाले एयर इंडिया में भी ४९ प्रतिशत एफडीआय को मंजूरी देकर एयर इंडिया को नई संजीवनी देने का प्रयत्न सरकार ने किया है। इससे पहले सरकार ने दो बार नुकसान में चलने वाले एयर इंडिया को बेलआउट दिया था। इस संदर्भ में संसदीय समिति ने कई सिफारिशे की थी।

इसके अनुसार एयर इंडिया को अपना व्यापार संभालने के लिए अधिक ५ वर्ष मिले ऐसी सूचना की गई थी। पर करदाताओं का पैसा इस पद्धति से एयर इंडिया पर खर्च करने के बदले उसका हिस्सा बेचा जाए ऐसी सलाह कुछ लोगों ने दी थी। इस पृष्ठभूमि पर यह निर्णय लिया गया है। दौरान सिंगल ब्रांड रिटेल क्षेत्र में ‘ऑटोमेटिक रूट’ द्वारा १०० प्रतिशत निवेश को मंजूरी देने के केंद्र सरकार के निर्णय पर व्यापारी संगठन ने विरोध किया है। तथा विरोधको ने एअर इंडिया में विदेशी निवेश के संदर्भ में लिए निर्णय पर टिका की है।

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