‘डीआरडीओ’ ने किया टैंक विरोधी ‘सैन्ट’ मिसाइल का परीक्षण

Stand-off-Anti-tank-SANT-missileबालासोर – ओड़िशा के तट पर सोमवार के दिन ‘स्टैण्ड ऑफ ऐण्टी टैंक’ (सैन्ट) मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। बीते कुछ दिनों में भारतीय सेना बलों ने १२ मिसाइलों का परीक्षण किया है। भारत और चीन के बीच जारी तनाव की पृष्ठभूमि पर भारत कर रहा इन मिसाइलों का परीक्षण ध्यान आकर्षित कर रहा है।

‘रक्षा अनुसंधन एवं विकास संगठन’ (डीआरडीओ) ने ‘टैंक’ विरोधी ‘सैन्ट’ नामक गायडेड मिसाइल का परीक्षण किया। हवा से जमीन पर हमला करनेवाली यह मिसाइल ‘हेलिना’ मिसाइल की उन्नत आवृत्ति है। हेलिना मिसाइल की मारक क्षमता ७ से ८ किलोमीटर थी और ‘सैन्ट’ मिसाइल १५ से ३० किलोमीटर के दायरे में स्थित लक्ष्य को बड़ी सटीकता से निशाना करने के लिए सक्षम है।

Stand-off-Anti-tank-SANT-missile‘एएलएच रुद्र एमके-४’ और वजन में कम हेलिकॉप्टर्स पर तैनात करने के लिए हवा से जमीन पर हमला करनेवाले इस टैंक विरोधी मिसाइल का निर्माण किया गया है। भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना की ‘एविएशन कोअर’ (एएसी) ने संयुक्त रूप से चार हज़ार सैन्ट मिसाइलों की माँग की है। ‘डीआरडीओ’ ने वर्ष २०२१ के अन्त तक यह मिसाइल प्रदान करने की तैयारी दिखाई है।

इससे पहले, रविवार को नौसेना की ‘स्टेल्थ’ विध्वंसक से सुपरसोनिक ‘ब्रह्मोस’ क्रूज़ मिसाइल का परीक्षण किया गया था। ‘डीआरडीओ’ और भारतीय रक्षाबलों ने ‘सैन्ट’ मिसाइल के साथ बीते पांच सप्ताहों में १२ अलग अलग मिसाइलों के १३ परीक्षण किए हैं। चीन की सीमा पर बढ़ रहे तनाव के दौरान किए गए यह परीक्षण चीन के लिए इशारा साबित हो रहे हैं।

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