रक्षा मंत्रालय की ८७२२ करोड़ रुपयों के रक्षा सामग्री की खरीद करने को मंजूरी

नई दिल्ली – रक्षा मंत्रालय ने 8722 करोड़ रुपयों के रक्षा सामग्री की खरीद करने के लिए मंगलवार के दिन मंजूरी दी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में देश में रक्षा सामग्री का निर्माण करने के लिए गति देने के उद्देश्‍य से 101 रक्षा सामग्री की आयात करने पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया था। मंगलवार के दिन रक्षा मंत्रालय के ‘डिफेन्स अक्विज़ीशन कौन्सिल’ (डीएसी) ने जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी है इनमें से अधिकांश प्रस्ताव भारतीय कंपनियों के ज़रिए रक्षा सामग्री का निर्माण करने से संबंधित है। इनमें वायुसेना के लिए खरीद हो रहे 106 ‘ट्रेनर’ विमानों का भी समावेश है।

Ministry-of-Defence‘डीएसी’ की बैठक में रक्षा सामग्री की खरीद से संबंधित करीबन 8,722 करोड़ रुपयों के प्रस्ताव पारित किए गए। इसके अनुसार वायुसेना की ‘बेसिक ट्रेनिंग’ की ज़रूरतें पुरी करनेवाले 106 ‘ट्रेनर’ विमान खरीद करने के प्रस्तावों का समावेश है। इन विमानों का निर्माण ‘हिंदुस्तान ऐरॉनॉटिक्स’ (हल) करेगी। ‘हल’ ने ‘एचएचटी-40’ नामक ‘बेसिक ट्रेनर’ विमानों का निर्माण किया है। पहले चरण में 70 ‘एचएचटी-40’ विमानों की खरीद होगी। इन विमानों का इस्तेमाल शुरू होने के बाद अन्य 36 विमानों की ‘एचएएल’ से खरीद होगी।

इसके अलावा ‘सुपर रैपिड गन माउंट’ (एसआरजीएम) की प्रगत आवृत्ति नौसेना और तटरक्षक बल के लिए खरीद होगी। ‘भारत हेवी इलेक्ट्रॉनिक्सलिमिटेड’ (भेल) से यह गन्स खरीदे जाएंगे। नौसेना के युद्धपोत और तटरक्षक बल के गश्‍ती पोतों पर ‘एसआरजीएम’ की तैनाती होगी। ‘एसआरजीएम’ की प्रगत आवृत्ति में ‘मिसाइल और फास्ट अटैक क्राफ्टस्‌’ (एफएसी) जैसे लक्ष्य सटिकता से तबाह करने की क्षमता अधिक होने की जानकारी सामने आ रही है।

साथ ही टैंक, छोटी और मध्यम दूरी की ‘कैलिबर’ हथियारों की प्रणाली में विस्फोटक के तौर पर इस्तेमाल हो रहे ‘आमर पियर्सिंग फिन स्टेबलाईज्ड डिस्क्राइबिंग साबोट’ (एपीएफएसडीएस) की खरीद को ही ‘डीएसी’ ने मंजूरी दी है। सेना के लिए 125 एमएम ‘एपीएफएसीएस’ की खरीद भी होगी। अब खरीद होनेवाले सामानों में 70% सामग्री भारतीय होगी। इसके अलावा ‘एके-203 रायफल्स’ और मानवरहीत विमानों का आधुनिकीकरण करने के लिए भी ‘डीएसी’ ने मंजूरी दी है।

भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने पर भारत ने रक्षा की तैयारी के लिए रक्षा सामग्री की खरीद तेज़ की है। बीते महीने में ‘डीएसी’ ने 38,900 करोड़ रुपयों के रक्षा सामान की खरीद करने के लिए मंजूरी दी थी। इसमें रशिया से 33 लड़ाकू विमान और नौसेना के लिए ‘अस्त्र’ मिसाइल खरीद करने से संबंधित प्रस्तावों का समावेश था। साथ ही रक्षाबलों को सामान की खरीद करने के लिए प्रदान किए गए अधिकार भी बढ़ाए गए थे। इसके अनुसार आपत्ति के दौरान 300 करोड़ रुपयों तक का रक्षा सामान खरीद अपने अधिकारों में करने की अनुमति तीनों रक्षाबलों को प्रदान की गई है।

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