ईंधन खनन रोकने की तुर्की ने रखी मांग सायप्रस ने ठुकराई

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरनिकोसिया: सायप्रस के समुद्री क्षेत्र में हो रहा ईंधन खनन रोकने के मुद्दे पर तुर्की ने रखी मांग सायप्रस के राष्ट्राध्यक्ष निकोल अनास्तासियाडिस ने ठुकराई है| ‘अपने ही क्षेत्र में हो रहा ईंधन खनन रोकना यानी खुद ही अपना सार्वभूम अधिकार खोने जैसा है’, यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष अनास्तासियाडिस ने ईंधन खनन जारी रहेगा, यह बात डटकर रखी है| साथ ही तुर्की ने राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के साथ संयुक्त सायप्रस के बारे में बातचीत करने के लिए तैयार होने की बात भी अनास्तासियाडिस ने स्पष्ट की है|

विवादित समुद्री क्षेत्र में सायप्रस ईंधन खनन ना करें और अपने जहाज पीछे हटाए, यह सूचना तुर्की ने कुछ दिन पहले की थी| इस समुद्री क्षेत्र में ईंधन खनन करके सायप्रस वर्ष १९७० के दशक में किए द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन कर रहा है, यह आरोप भी तुर्की ने किया था| पर, तुर्की की यह सूचना अनदेखा करके सायप्रस ने ईंधन खनन जारी रखने का ऐलान किया| साथ ही तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष के सामने नया प्रस्ताव भी रखा|

हम यदि अंतरराष्ट्रीय नियमों का या समझौते का उल्लंघन कर रहे है, यह धारणा होती है तो दोनों भी विवादित सार्वभूम अधिकार छोडें| संयुक्त सायप्रस पर बातचीत करने के लिए हम तैयार है’, यह नया प्रस्ताव राष्ट्राध्यक्ष अनास्तासियाडिस ने रखा| वर्ष १९७४ में उत्तरी सायप्रस में हुई बगावत का लाभ उठाकर तुर्की ने इस क्षेत्र पर कब्जा किया था| इस क्षेत्र का पर किया कब्जा छोडने के लिए अभी तुर्की तैयार नही है|

पिछले कुछ महीनों से तुर्की ने उत्तरी सायप्रस के समुद्री क्षेत्र में ईंधन का खनन शुरू किया है| इस ईंधन खनन में किसी भी प्रकार की रुकावट ना हो, इस लिए तुर्की ने अपनी विध्वंसक भी भेजी है| इटली की ‘एनी’ और ‘फ्रान्स की ‘टोटल’ कंपनी ने सायप्रस के साथ किए समझौते के प्रभाव में इसी समुद्री क्षेत्र में ईंधन खनन शुरू किया| पर, तुर्की के जहाजों ने इन कंपनियों के काम में बाधा बनाई थी|

इसी बीच सायप्रस के सार्वभूम अधिकारों पर वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहे तुर्की पर फ्रान्स, इटली और ग्रीस आलोचना कर रहे है| साथ ही सायप्रस की सुरक्षा के लिए फ्रान्स ने नया लष्करी समझौता भी किया है| इस सहयोग के तहेत सायप्रस ने फ्रान्स से जहाज विरोधी मिसाइल खरीदे है और यह तुर्की के लिए चेतावनी साबित होती है|

पिछले कुछ दिनों से भूमध्य सागर से जुडे ग्रीस, सायप्रस ने तुर्की के विरोध में आक्रामकता दिखाई है| तुर्की ने लीबिया के संघर्ष में हस्तक्षेप करके वहां पर अपने सैनिक तैनात किए है| इसके बाद ग्रीस, सायप्रस और इस्रायल ने तुर्की के विरोध में अपनी भूमिका और भी आक्रामक की है|

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