कोरोना संक्रमण का दूसरा वर्ष अधिक ड़रावना साबित होगा – विश्व स्वास्थ्य संघ के प्रमुख का इशारा

जेनीवा – ‘कोरोना संक्रमण की शुरुआत से लेकर अब तक ३३ लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। इस संक्रमण का दूसरा वर्ष पहले वर्ष की तुलना में अधिक घातक और ड़रावना साबित होगा’, ऐसा गंभीर इशारा विश्व स्वास्थ्य संघ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन) के प्रमुख डॉ.टेड्रॉस घेब्रेस्यूएस ने दिया है। इस दौरान उन्होंने एशिया, लैटिन अमरीका और अफ्रीकी देशों में कोरोना संक्रमित और मृतकों की संख्या में हो रही वृद्धि को लेकर तीव्र चिंता जताई। साथ ही इस संक्रमण की चपेट से बाहर निकलन के लिए स्वास्थ्य संबंधित योजनाओं और टीकाकरण, दोनों की आवश्‍यकता होने का दावा भी स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने किया।

वर्ष २०१९ के अन्त में चीन से शुरू हुए कोरोना संक्रमण ने सारे विश्‍व में कोहराम मचाया है और यह संक्रमण अभी भी काफी तेज़ होता जा रहा है। विश्‍वभर में अब तक १६ करोड़ से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं और कोरोना के मृतकों की संख्या ३३ लाख हुई है। विश्‍व के कई प्रमुख देशों में कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर टकराई है। कोरोना वायरस के नए-नए ‘स्ट्रेन’ विकसित हो रहे हैं और इससे विश्व स्तर पर चिंता का माहौल निर्माण हुआ है।

एक ओर अमरीका और यूरोप के कुछ देश इस संक्रमण पर रोक लगाने के लिए जारी किए गए प्रतिबंध धीरे-धीरे हटा रहे हैं। इसी बीच एशिया के कुछ देशों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने की वजह से आपादस्थिति एवं लॉकडाउन का ऐलान किया जा रहा है। जापान में इस वर्ष आयोजित हो रही ऑलिंपिक स्पर्धा पर भी इस संक्रमण का साया है और स्थानीय स्तर पर यह स्पर्धा रद करने की माँग तीव्र हुई है। लैटिन अमरीका के कुछ देशों में अभी भी संक्रमितों की संख्या काबू में नहीं आ रही है और बीते हफ्ते विश्‍वभर में हुई कोरोना संक्रमितों की मौतों में से ४० प्रतिशत की मौत लैटिन अमरिकी देशों में हुई है, यह जानकारी डॉ.टेड्रॉस घेब्रेस्यूएस ने प्रदान की।

‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन’ के प्रमुख ने इसी बीच अमीर देशों द्वारा चलाई जा रही टीकाकरण की नीति पर भी नाराज़गी व्यक्त की अपने देश के विभिन्न आयु वर्ग के नागरिकों के लिए टीकाकरण शुरू करने के बजाय गरीब और अविकसित देशों की जनता के लिए पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति के लिए जोर दें, यह निवेदन उन्होंने किया। अल्प आय के देशों को ज़रूरत की तुलना में मात्र ०.३ प्रतिशत मात्रा में वैक्सीन की आपूर्ति होने की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

इसी बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने भारत में पाए गए कोरोना के नए ‘स्ट्रेन’ के संक्रमण पर चिंता जताई है। नए स्ट्रेन के बढ़ते संक्रमण की वजह से अर्थव्यवस्था और रोज़मर्रा के कारोबार फिर से शुरू करने की योजना नाकाम हो सकती है, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री जॉन्सन ने दिया। ब्रिटेन की राजधानी लंदन एवं अन्य हिस्सों में इस स्ट्रेन के संक्रमित पाए जाने की जानकारी सामने आने के बाद जॉन्सन ने यह बयान किया है।

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