चीन की महत्वाकांक्षा एवं आक्रामकता अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चुनौती – नाटो का इशारा

आक्रामकताब्रुसेल्स/बीजिंग – चीन की महत्वाकांक्षा और आक्रामक गतिविधियों के नियमों के नींव पर खड़ी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और नाटो की सुरक्षा से जुड़े क्षेत्रों के लिए बड़ी चुनौती होने का इशारा नाटो ने दिया है। सोमवार के दिन ब्रुसेल्स में हुई बैठक के बाद नाटो ने संयुक्त निवेदन जारी किया और चीन का बढ़ता प्रभाव एवं नीतियों का नाटों ने एकजुट होकर मुकाबला करना होगा, यह आवाहन भी किया है। नाटो के इस बायन पर चीन ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। इसके साथ ही, ‘चायना थ्रेट थिअरी’ को लेकर रंजक बयान करना नाटो को बंद करना होगा’, ऐसी फटकार भी लगाई है।

नाटो ने बीते वर्ष दिसंबर ‘नाटो २०३०’ नामक रपट जारी की थी। इस रपट में चीन के खतरे का ज़िक्र करके इसे रोकने के लिए आक्रामक भूमिका आवश्‍यक होने की सिफारीश भी की थी। सोमवार के दिन हुई नाटो की बैठक में चीन के खतरे पर गहराई से बातचीत होने की जानकारी सूत्रों ने साझा की है। इस बैठक के बाद जारी किए गए संयुक्त निवेदन में इस चर्चा की छवि होने की बात दिख रही है। अपने सात दशकों के इतिहास में नाटो ने पहली बार अपने निवेदन में चीन के खतरे का स्पष्ट ज़िक्र किया।

इस निवेदन में चीन की महत्वाकांक्षा और आक्रामकता की ओर ध्यान आकर्षित करके नाटो सदस्य देशों की सुरक्षा से संबंधित क्षेत्रों के लिए यह बात घातक होने का अहसास कराया गया है। नाटो की नींव वाले ‘वॉशिंग्टन ट्रीटि’ का ज़िक्र करके चीन की आक्रामक नीति इस समझौते के मूल्यों के खिलाफ होने का ज़िक्र नाटो ने किया है। चीन के परमाणु अस्त्रों में हो रही बढ़ोतरी, रशिया के साथ जारी लष्करी सहयोग चुनौती होने का बयान करके इस निवेदन से इशारा दिया गया है।

साथ ही चीन की हुकूमत द्वारा फैलाई जा रही झूठी जानकारी एवं पारदर्शिता के अभाव पर भी नाटो ने तमाचा जड़ा है। चीन एक प्रमुख सत्ता है, इस बात का अहसास इस देश की हुकूमत को रखना चाहिए और अंतरिक्ष, सायबर एवं समुद्री क्षेत्र के नियम और समझौतों का ज़िम्मेदारी से पालन करना चाहिए, यह इशारा भी नाटो के इस निवेदन में दिया गया है। ३० सदस्य देशों के ‘नाटो’ ने यह आलोचना करने से चीन काफी बेचैन हुआ है और नाटो को अन्य मुद्दों पर ध्यान देने को कहा है।

‘नाटो ने चीन के विकास को स्पष्ट नज़रिये से देखने की ज़रूरत है। चीन की रक्षानीति रक्षात्मक है और संवाद करने पर नाटो अपनी ऊर्जा खर्च करे’, ऐसी फटकार भी चीन ने लगाई है। साथ ही नाटो अभी भी शीतयुद्ध के समय की मानसिकता को ही आगे चला रही है, यह आरोप भी चीन ने लगाया।

नाटो द्वारा चीन के खतरे पर किए जा रहे बयानों का ज़िक्र ‘चायना थ्रेट थिअरी’ करके अपने हित के लिए इसका इस्तेमाल करना बंद करे, ऐसी सलाह भी चीन ने दी है।

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