अफ़गानिस्तान को पीठ दिखाना अमरीका के लिए मुनासिब नहीं होगा – अमरीका के पूर्व रक्षामंत्री रॉबर्ट गेटस्‌

रॉबर्ट गेटस्‌वॉशिंग्टन – अफ़गानिस्तान में जारी संघर्ष जल्द से जल्द खत्म हो, यही मंशा अधिकांश अमरिकी जनता रखती है। लेकिन, इसके लिए हमने अफ़गानिस्तान को पीठ दिखाई तो वह अमरीका के लिए मुनासिब नहीं होगा क्योंकि, ऐसा करने पर अफ़गानिस्तान में बननेवाले अवसरों का लाभ उठाकर तालिबान वहां पर फिर से अपनी हुकूमत स्थापित करेगी। इसके लिए पाकिस्तान और चीन तालिबान की सहायता करेंगे, यह इशारा अमरीका के पूर्व रक्षामंत्री रॉबर्ट गेटस्‌ ने दिया। साथ ही तालिबान को अफ़गानिस्तान से भगाने के बाद तालिबान पाकिस्तान में संगठित हुई है और इस ओर अमरीका की अनदेखी हुई, ऐसी आलोचना गेटस्‌ ने की है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अफ़गानिस्तान में तैनात सेना हटाने का ऐलान करके एक महीना बीता है। ११ सितंबर को यह कार्य पूरा होगा। अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी जारी है और इसी बीच तालिबान के हमलों में बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार के दिन तालिबान ने अफ़गानिस्तान के जलालाबाद शहर में स्वास्थ्य कर्मियों पर गोलिबारी करके चार को मार दिया। शहर में बच्चों को पल्स पोलिओ के डोस दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों को तालिबान ने लक्ष्य किया।

पल्स पोलिओ जैसे स्वास्थ्य मुहिमों को तालिबान का कड़ा विरोध है। इसके अलावा लड़कियों की शिक्षा, राजनीति में महिलाओं के समावेश का विरोध कर रहे तालिबान के अफ़गानिस्तान में महिला पाठशालाओं पर हमलों में बढ़ोतरी हुई है। तालिबान के हमलों में बढ़ोतरी होते समय अमरीका और नाटो की सेनाएं अफ़गानिस्तान से ना निकलें, यह माँग जोर पकड़ रही है। लेकिन, बायडेन प्रशासन यहां से अपनी सेना हटाने के निर्णय पर कायम है।

पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट गेटस्‌ ने अमरिकी अखबार में लिखे एक लेख में इस सेना वापसी का कड़ा विरोध किया। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन को अफ़गानिस्तान से अमरिकी सैनिकों को हटाना है। लेकिन, इससे लंबे समय तक होनेवाले परिणामों का राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने विचार नहीं किया है, यह चिंता गेटस्‌ ने जताई।

रॉबर्ट गेटस्‌अफ़गानिस्तान में गठबंधन सरकार का हिस्सा बनने के लिए तालिबान उत्सुक नहीं है और अफ़गानिस्तान में अपनी हुकूमत स्थापित करने के लिए चीन से जा मिलेगी। अफ़गानिस्तान की खनिज संपत्ति पर नज़र रखनेवाला चीन भी तालिबान की हुकूमत को मंजूरी प्रदान करके आर्थिक सहायता भी करेगा। ऐसा हुआ तो चीन के महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ऐण्ड रोड’ प्रकल्प में अफ़गानिस्तान शामिल हो जाएगा, इस ओर गेटस्‌ ने ध्यान आकर्षित किया।

अमरीका ने वर्ष २००१ में तालिबान को अफ़गानिस्तान से खदेड़ा था और इसके बाद उसने पाकिस्तान में अपना ड़ेरा जमाया था। पाकिस्तान में ही तालिबान फिर से गठित हुई और इसके लिए पाकिस्तान के नेताओं ने सहायता की। पाकिस्तान के उस समय के तानाशाह परवेज़ मुशर्रफ ने तालिबान के लिए सुरक्षित आश्रयस्थान मुहैया कराए थे, यह आरोप गेटस्‌ ने लगाया। पाकिस्तान में बने तालिबान के इन आश्रयस्थानों की ओर अमरीका की अनदेखी ही हुई और यहीं पर अमरीका ने गलती की है, ऐसी आलोचना पूर्व रक्षामंत्री ने की।

इससे पहले पूर्व विदेशमंत्री कॉन्डोलिसा राईस और हिलरी क्लिंटन ने भी अफ़गानिस्तान से सेना हटाने के मुद्दे पर पुनर्विचार करने की सलाह बायडेन प्रशासन को दी थी। पूर्व लष्करी अधिकारी भी सेना वापसी के इस निर्णय के विपरित परिणामों का अहसास करा रहे हैं। ऐसे में अब पूर्व रक्षामंत्री गेटस्‌ भी बायडेन प्रशासन को इस मुद्दे पर सावधानी बरतने का इशारा देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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