‘सी ऑफ़ जापान’ पर सिर्फ़ जापान का अधिकार नहीं – चीन के हवाईदल प्रमुख का इशारा

बीजिंग/टोकियो: जापान, कोरियन क्षेत्र तथा रशिया के बिच होनेवाले ‘सी ऑफ़ जापान’ पर सिर्फ़ जापान का अधिकार नहीं, यह कड़ा इशारा चीन के हवाईदल प्रमुख ने दिया है। जापान ने हालही में प्रसिद्ध किये ‘डिफेन्स व्हाईट पेपर’ में चीन के ‘सी ऑफ़ जापान’ एवं प्रशांत महासागर में बढती लष्करी कारवाई पर चिंता व्यक्त की थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के हवाई दल प्रमुख ने आगे चलते भी चीन ‘सी ऑफ़ जापान’ में अपनी लष्करी गतिविधिया शुरू रहेंगी यह कहा है।

‘सी ऑफ़ जापान’ कुछ दिनों पहले जापान के रक्षा विभाग ने ‘श्वेतपत्रिका’ प्रसिद्ध की थी। उसमे चीन के लढाऊ विमानों को रोकने के लिए जापान के लढाऊ विमानों ने किये उड़ान में बढ़त होने की बात दर्ज कि है। उसी समय चीन के विमानवाहक युद्धनौका ने प्रशांत सागरी क्षेत्र को दी भेंट का भी उल्लेख है।

आनेवाले समय में सी ऑफ़ जापान में चीनी नौदल एवं हवाई दल की कारवाई बड़े पैमाने पर बढ़ने की आशंका है। इसलिए चीनी नौदल की गतिविधियों पर बारिकि से नज़र रखनी होंगी’ यह श्वेतपत्रिका में आगाह किया है।

‘सी ऑफ़ जापान’ श्वेतपत्रिका मे दर्ज चीन के संरक्षण सामर्थ्य के साथ ही बढती कारवाईयों का उल्लेख चीनी यंत्रणा को गहरा चुभा है। श्वेतपत्रिका प्रसिद्ध होने के बाद चीन के विदेशमंत्री वैंग यी और रक्षा विभाग ने टिका की है। जापान पुरानी बाते कुरेद रहा है यह कहते हुए चीन ने कड़े बोल सुनाए थे। अब हवाईदल प्रमुख ने ‘सी ऑफ़ जापान’ को लेकर जापान को धमकाना शुरू किया है।

‘सी ऑफ़ जापान’ यह सिर्फ़ जापान का सागरी क्षेत्र नहीं है। चीन का हवाई दल आगे भी अपने हवाई दल का अभ्यास सी ऑफ़ जापान में शुरू रखेगा। चीन के हवाई दल के विमान सिर्फ़ जमीन पर रखने के लिए तैनात नहीं है। और वैसे भी चीन ने सी ऑफ़ जापान में ज्यादा कारवाई की नहीं है। जापान बातों को अतिरंजक करके दिखा रहा है इन शब्दों में चीन के हवाईदल प्रमुख कमांडर माँ शीओतीआन ने जापान को सचेत किया है।

‘सी ऑफ़ जापान’इस जनवरी और जुलाई महीने में चीनी हवाईदलों के बॉम्बर्स और गश्ती विमान ‘सी ऑफ़ जापान’ तथा ‘ईस्ट चायना सी’ में मंडराए थे। जुलाई महीने में अपने विमानों की गतिविधियों की जानकारी देते हुए, चीन के रक्षा विभाग ने जापान को अब इन बातों की आदत डाल लेनी चाहिए कहकर सलाह दी। जापान ने प्रसारित की जानकारी में चीन के विमानों पर नजर रखने के लिए जापानी विमानोंने अब तक ११६८ बार उड़ान करने की बात घोषित की है। इससे चीनी विमानों की गतिविधियाँ बढ़ने की बात स्पष्ट होते समय, उलटा चीन के रक्षा अधिकारीयों ने जापान को धमकाने का प्रयास किया।

कुछ दिनों पहले ‘ईस्ट चायना सी’ के सागरी क्षेत्र में चीन ने संदेहजनक उत्खनन करने का आरोप जापान ने किया था। चीन ने उत्खनन का एकतरफ़ा निर्णय लेकर दशकपूर्व जापान के साथ किया करार का उल्लंघन किया है, यह टीका जापान ने की है। पर चीन जापान के आरोपों को ठुकरा रहा है और अपने ही सागरी क्षेत्र में नैसर्गिक वायु का उत्खनन करने का दावा कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.