तिआनमिन के मामले में चीन हाँगकाँग की आवाज़ दबा रहा है – अमरीका के विदेशमंत्री की आलोचना

वॉशिंग्टन – तिआनमिन स्क्वेअर हत्याकांड की स्मृतियाँ जगाने के लिए आयोजित कार्यक्रम को अनुमति नकारकर चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत हाँगकाँग की आवाज़ दबा रही है, ऐसी आलोचना अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने की है। सोमवार को चीन ने हाँगकाँग के मुद्दे पर अमरीका को धमकाया था। तिआनमिन और हाँगकाँग के मुद्दों पर एक ही समय पर लक्ष्य बनाकर अमरीका ने उसे क़रारा जवाब दिया है। तिआनमिन मामले में चीन की हुक़ूमत की आलोचना करते समय ही, अमरीका के विदेशमंत्री ने चीन के कुछ पूर्व छात्र नेताओं से भेंट की होने का दावा प्रसारमाध्यमों ने किया।

Mike Pompeo

“पिछले ३० वर्षों में पहली ही बार हाँगकाँग के प्रशासन ने तिआनमिन स्मृति कार्यक्रम के लिए अनुमति देने से इन्कार किया है। हाँगकाँग के संदर्भ में चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत के इरादें क्या हैं इसके बारे में यदि किसी के भी मन में अभी भी शक़ है, तो वे इस बात पर ठीक से ग़ौर करें। चीन हाँगकाँग की आवाज़ दबा रहा है। हाँगकाँग की जनता की आवाज़ और इच्छाएँ दबायीं जा रहीं होकर, उनकी हालत चिनी जनता की तरह कर दी गयी है’, ऐसे तीखे शब्दों में अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने चीन को फ़टकार लगायी। चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत ‘दो व्यवस्थाओं’ पर अमल कैसे करती है, यह इससे साफ़ तोता है, ऐसा उपरोधिक ताना भी पॉम्पिओ ने इस समय मारा।

तिआनमिन का मुद्दा चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत के लिए बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। ४जून, १९८९ को चीन की हुक़ूमत ने राजधानी बीजिंग में जनतंत्र के लिए आंदोलन करनेवाले युवाओं पर लष्करी ताकत का इस्तेमाल करके बेरहम हत्याकांड कराया था। इसमें हज़ारों लोगों की जान गयी थी। लेकिन अपनी अफाट राजनीतिक एवं लष्करी ताकत का इस्तेमाल करके चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने सिर्फ़ इस प्रदर्शन का और हत्याकांड का ही नहीं, बल्कि आंदोलन का ही सारा इतिहास दबा दिया था। आज भी चीन में इस मामले का उल्लेख करने पर पूरी तरह पाबंदी है।

Tiananmen case

ऐसा होने के बावजूद भी, पिछले साल तक हाँगकाँग में तिआनमिन हत्याकांड के स्मृतिदिन पर बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। हाँगकाँग के लाखों नागरिक हर साल बड़ी संख्या में इसमें सहभागी होते हैं। चीनपरस्त प्रशासन ने कई बंधन लगाने पर भी हाँगकाँग की जनता यह स्मृतिदिन उत्स्फूर्त रूप में मनाया करती थी। इस साल कोरोना महामारी के डर का बहाना बनाकर प्रशासन ने तिआनमिन के कार्यक्रम के लिए अनुमति नकारी है।

पिछले कुछ महीनों से चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत को लगातार लक्ष्य करनेवाले अमरीका के विदेशमंत्री ने इस मुद्दे पर चीन को खरी खरी सुनाने का मौक़ा नहीं गँवाया है। अमरीका में चल रहें प्रदर्शन तथा अन्य मुद्दों पर चीन चेतावनियाँ दे रहा होते समय यह बात ग़ौरतलब साबित होती है।

सोमवार को चीन के विदेश विभाग ने हाँगकाँग के मुद्दे पर अमरीका को चेतावनी दी है। हाँगकाँग के मामले में यदि अमरीका ने चीन के हितसंबंधों का नुक़सान करनेवालीं हरकतें कीं, तो चीन उसी भाषा में अमरीका को मुँहतोड़ जवाब देगा, ऐसी चेतावनी चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता झाओ लिजीअन ने दी थी। हाँगकाँग पर नया सुरक्षा क़ानून थोंपने के बाद अमरीका ने उसका स्पेशल स्टेटस रद कर दिया था और नये निर्बंध भी थोंपे थे।

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