चीन हाँगकाँग में जनतंत्र ख़त्म कर रहा है – आंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आलोचना

हाँगकाँग – कोरोनावायरस की पार्श्वभूमि पर लागू किये लॉकडाऊन की आड़ में हाँगकाँग के चीनपरस्त प्रशासन ने १४ जनतंत्रवादी कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया है। हाँगकाँग प्रशासन की या कार्रवाई पर अमरीका, ब्रिटन तथा आंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने ग़ुस्सा ज़ाहिर किया। हाँगकाँग के जनतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर चीन यहाँ के जनतंत्र को ख़त्म करने की कोशिशों में होने की आलोचना इन देशों द्वारा तथा आंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा की जा रही है।

हाँगकाँग की पुलीस ने शनिवार को शहर में की कार्रवाई में १४ लोगों को गिरफ़्तार किया। पिछले साल हाँगकाँग के प्रशासन के विरोध में भड़के हुए प्रदर्शनों का नेतृत्व करने का और चीन के विरोध में वातावरण उक़साने का आरोप इन जनतंत्रवादी कार्यकर्ताओं पर रखा गया है। उसीके साथ, कोरोनावायरस के कारण लागू किये हुए लॉकडाउन के नियम तोड़कर प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा करने के कारण यह कार्रवाई की होने का खुलासा हाँगकाँग के प्रशासन ने किया। गिरफ़्तार किये गए लोगों में छात्र, वकील, लेखक, पत्रकार और व्यवसायिकाओं का भी समावेश है।

हाँगकाँग के चीनपरस्त प्रशासन ने जनतंत्र समर्थकों पर की कार्रवाई की दुनियाभर से आलोचना हो रही है। ‘चीन तथा उसके प्रतिनिधि अपनी ग़ैरक़ानूनी कार्रवाई से हाँगकाँग की सार्वभौमता ख़तरे में डाल रहे हैं’, ऐसी आलोचना अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने की। वहीं, जनतंत्रवाअदियों को गिरफ़्तार कर, चीन ने सन १९९७ में ब्रिटन के साथ किये समझौते का और हाँगकाँग के जनतंत्र का उल्लंघन किया होने का आरोप ब्रिटन के विदेश मंत्रालय ने किया। वहीं, कोरोनावायरस की महामारी की आड़ में चीन ने जनतंत्रवादी नेताओं को गिरफ़्तार करने का मौका हासिल किया होने की टिप्पणी ऑस्ट्रेलिया की विदेशमंत्री मेरी पेन ने की है।

इसी बीच, यह गिरफ़्तारी यानी जनतंत्र पर का हमला होने की आलोचना ‘इंटरनॅशनल बार असोसिएशन’ ने की। उसीके साथ, इस महामारी की वजह से हाँगकाँग में लागू किये निर्बंधों की आड में चीन जनतंत्र-समर्थकों पर की कार्रवाई को बढ़ायेगा, ऐसी चिंता कुछ विश्लेषकों ने ज़ाहिर की। यदि समय पर ही चीन तथा हाँगकाँग के प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध नहीं किया, तो हाँगकाँग में होनेवाला जनतंत्र ख़त्म हो जायेगा, ऐसी चेतावनी ये विश्लेषक दे रहे हैं।

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