भारत में आये बाड़ के पीछे चीन का षड्यंत्र- सामरिक विश्लेषकों का आरोप

नई दिल्ली:आसाम, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड इन राज्यों में आए भयंकर बाड़ मे १५० से अधिक लोगों की जान गयी है और एक करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं । तिबेट से उद्गमित नदियों के जलस्तर की जानकारी चीन ने भारत अगर दी होती, तो भारत को यह हानी टालना संभव होता । पर चीन ने इस सहयोग से मुंह फेरते हुए डोकलाम का बदला लिया है, यह संदेह विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे हैं । भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन पर यह आरोप टालते हुए सतलज एवं ब्रम्हपुत्र नदी के जल प्रवाह की जानकारी चीन ने इस बार भारत को नहीं दी, इस पर आश्चर्य व्यक्त किया है । सन २००६ में दोनों देशों में हुए करार के अनुसार, भारत को यह जानकारी देना चीन के लिए अनिवार्य है।

आसाम, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, इन राज्यों में बाढ़ आई है, जिसमें १५० से अधिक लोगों की जान गयी है, साथ ही इस भयंकर बाढ़ में एक करोड़ से अधिक नागरिक विस्थापित हुए हैं। जिसकी वजह से बुनियादी सुविधा एवं जनता की संपत्ति का भारी संख्या में नुकसान हुआ है। यह बाढ़ मुसलाधार बारिश की वजह से होने का भारतीय जनता का समझ था। पर इस साल देश में हुई बरसात औसत से ५ प्रतिशत कम हुई है। उत्तर-पूर्व भारत में भी बारिश का प्रमाण नहीं बढ़ा है। इस परिस्थिति में, आयी भयंकर बाढ़ के पीछे चीन का भयंकर षड्यंत्र होने की आशंका जताई जा रही है। चीन के कब्जे में होने वाले तिबेट से उद्गमीत नदियों का प्रवाह भारत से होता है। इन नदियों पर चीन ने बांध निर्माण किए हैं। इन बांधों से कितना पानी नदियों में छोड़ा जाता है, यह जानकारी देने के लिए भारत और चीन में सन २००६ में करार हुआ था।

इस करार के अनुसार मई महीने से अक्टूबर महीने तक चीन से समय-समय पर भारत को इन नदियों के जल प्रवाह की जानकारी बताई जाती थी। पर इस साल चीन ने यह जानकारी नहीं बताई, इसके उपरांत, औसत से अधिक बरसात न हुए आसाम, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल राज्य में बाढ़ आई है। यह चीन का ही षड्यंत्र है और चीन डोकलाम का बदला लेने के लिए इन नदियों से अधिक पानी छोड़ रहा है, यह संदेह विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस संदेह को समर्थन देने की बात टाली है पर चीन ने प्रतिवर्ष की तरह नदियों के जल प्रवाह की जानकारी भारत को नहीं दी, यह कहते हुए परराष्ट्र मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया। डोकलाम से भारतीय सेना पीछे नहीं गयी तो उसके भयंकर परिणाम भारत को सहने होंगे, ऐसी धमकियां चीनने लगातार दी है।

चीन के सरकारी माध्यमों के साथ, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय भारत को खुलेआम धमकाने का प्रयत्न कर रहे थे। चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने भी कुछ दिनों पहले सीधा उल्लेख टालते हुए, भारत को चेतावनी दी थी। उसकी परवाह न करते हुए भारतने डोकलाम में अपनी सेना तैनाती कायम रखी है। इसीलिए चीन अत्यंत हिन स्तर पर जाते हुए भारत का बदला लेने के लिए, बांधों से अधिक से अधिक पानी विसर्ग करते हुए भारत में बाढ़ आने की बात स्पष्ट हुई है।

चीन की यह कार्रवाई भारत अत्यंत गंभीरता से लें, यह सलाह सामरिक विशेषज्ञों से दी जा रहा है। पहले भी चीन ने इस तरह की करतुतों से भारत को झटके दिए हैं, यह बात सामरिक विशेषज्ञों ने कही है। साथ ही भारत भी चीन को ऐसे या इससे भी भयंकर झटके देने की क्षमता रखे हुए हैं, यह इशारा सामरिक विशेषज्ञों से दिया जा रहा है।

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