चीन के कर्ज के चंगूल में फसने से सावधानी बरते – मलेशिया के राष्ट्राध्यक्ष की फिलपीन को सलाह

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमनीला – चीन जैसे देश से बडी तादाद में कर्ज ले रहे हैं, तो उसके चंगुल में फंसने से सावधान रहें, ऐसी सलाह मलेशिया के राष्ट्राध्यक्ष महाथिर मोहम्मद ने फिलपीन को दी है| मलेशिया के राष्ट्राध्यक्ष फिलहाल फिलपीन के दौरे पर होकर, उस समय उन्होंने फिलपीन के राष्ट्राध्यक्ष रौड्रिगो दुअर्ते से की हुई चर्चा में चीन का मुद्दा केंद्र स्थान पर होने की जानकारी सामने आ रही है| पिछले वर्ष मलेशिया के सूत्र संभालने के बाद मोहम्मद ने उजागर तौर पर चीन के विरोध में भूमिका ली है और एशिया में अन्य देशों को भी इस बारे में सावधानता बरतने की चेतावनी देनी शुरू की है|

फिलपीन ने अगर चीन से बड़ी तादाद में कर्ज लिया है और उसकी वापसी नहीं कर सकता है, तो कर्जदार के तौर पर तुम चीन के नियंत्रण में आ सकते हैं यह बात ध्यान में रखें| इस बारे में हम सभी को अत्यंत सावधान रहना चाहिए| फिलपीन जैसे देश चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अथवा उसपर नियंत्रण करने के लिए गतिविधियां शुरू करनी चाहिए, इन शब्दों में मलेशियन राष्ट्राध्यक्ष ने फिलपीन को सावधान रहने की सलाह दी है|

उस समय मोहम्मद ने फिलपीन द्वारा चीन के नागरिकों को देश में प्रवेश देते हुए ध्यान रखने का आवाहन किया है| विदेशी निवेश से लागत एवं तकनीक आने से स्थानीय नागरिकों को रोजगार मिलता है और देश की वित्त व्यवस्था को गति मिलती है| विदेशी निवेश का अर्थ विदेशी नागरिकों द्वारा देश में घुसकर राजनीतिक समीकरण बदलना ऐसा नहीं होता, ऐसे शब्दों में मलेशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने चीन के हस्तक्षेप के बारे में सूचित किया है|

राष्ट्राध्यक्ष महाथिर मोहम्मद ने मलेशिया के सूत्र हाथ लेने के बाद चीन का निवेश होनेवाले बड़े प्रकल्प रद्द किए थे| मलेशिया की वित्त व्यवस्था को चीन से बड़े निवेश होनेवाले प्रकल्प नहीं सहन हो सकते ऐसे स्पष्ट शब्दों में मोहम्मद ने चीन को ठुकराने की भूमिका ली थी| उनके इस भूमिका पर चीन से तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही थी| मोहम्मद ने इनके निर्णय का दो देशों के सहयोग पर विपरीत परिणाम होंगे एवं मलेशिया को इसका बहुत बड़ा झटका लग सकता है, ऐसी धमकी चीन से दी जा रही थी|

पर मलेशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने चीन विरोधी भूमिका पर कायम रहने का निर्णय लिया है और अन्य देशों को भी इस बारे में सावधान करना शुरू किया है, ऐसा फिलपीन में किए विधान से स्पष्ट हो रहा है|

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