‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ और ‘रोबोटिक्स’ की वजह से साढ़े सात करोड़ नौकरियों पर कुल्हाड़ी चलेगी – ‘वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम’ की रिपोर्ट में चेतावनी

जिनीवा/तिआंजिन -‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स की वजह से मानवी समाज को आने वाले चार वर्षों में लगभग साढ़े सात करोड़ नौकरियां गंवानी पड़ेंगी, ऐसी चेतावनी ‘वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम’ की रिपोर्ट में दी गई है। चीन में ‘वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम’ की बैठक शुरू है और उसमें प्रसिद्ध की गई रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में एकाउंटिंग, क्लाइंट मैनेजमेंट, औद्योगिक उत्पाद, पोस्टल और सेक्रेटरीयल इन क्षेत्रों की नौकरियों में रोबो तेजी से इंसानों की जगह लेना शुरू कर देंगे, ऐसी चेतावनी भी दी गई है।

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‘वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम’ ने ‘फ्यूचर ऑफ़ जॉब्स २०१८’ नाम की रिपोर्ट प्रसिद्ध की है। उसमें तकनीक के बल पर आकार ले रही चौथी औद्योगिक क्रांति का उल्लेख करके उससे होने वाले सामाजिक, आर्थिक और जनसँख्या विषयक बादलों का वेध लिया गया है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी तकनीकों की वजह से उद्योग क्षेत्र में बड़ी उथल पुथल होगी, ऐसी चेतावनी इस रिपोर्ट में दी गई है। उसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मनुष्य बल बाजार पर होने वाले बदलों पर विशेष जोर दिया गया है।

मनुष्यबल बाजार में नी नौकरियों का निर्माण होने वाला है, लेकिन यह नौकरियां वर्तमान में अस्तित्व वाली नौकरियों को पूर्णतः अथवा अंशतः ख़त्म कर देने वाली साबित होंगी, ऐसी चिंता इस रिपोर्ट में व्यक्त की गई है। वैश्विक स्तर पर बहुसंख्य उद्योगक्षेत्र में नए और पुराने क्षेत्रों के लिए लगने वाले कौशल्यों में बड़े पैमाने पर बदलाव होने वाले हैं और इस क्षेत्र के महिला और पुरुषों के प्रतिशत में भी बदलाव हो सकता है, ऐसी भविष्यवाणी की गई है।

अगले चार सालों में विश्व के बहुसंख्य उद्योगों को नई तकनीक को मज़बूरी से स्वीकार करना पड़ेगा, उसमें हाई स्पीड मोबाईल इन्टरनेट, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा एनालिटिक्स का उल्लेख है। चार सालों में तकनीक की तरक्की की वजह से १३ करोड़ से अधिक रोजगार निर्माण होने की संभावना जताई गई है, लेकिन आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स की वजह से साढ़े सात करोड़ लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ने वाली हैं, ऐसी स्पष्ट चेतावनी इस रिपोर्ट में दी गई है।

सन २०२२ तक औसत ४२ प्रतिशत नौकरियां रोबोट और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर आधारित तकनीक पर सौंपी गई होंगी, ऐसा कहकर उसमें सर्वाधिक हिस्सा डेटा प्रोसेसिंग, और इन्फोर्मेशन रिसर्च एंड ट्रांसमिशन क्षेत्र का होगा, ऐसे संकेत इस रिपोर्ट में दिए गए हैं। वर्तमान में जिस मात्रा में स्थायी नौकरियां उपलब्ध हैं, उसमें ५० प्रतिशत तक कटौती होने वाली है, ऐसी चेतावनी भी दी गई है। मनुष्यबल बाजार में होने वाले इन बदलों का सर्वाधिक झटका मध्यम वर्गी को लगने वाला है, ऐसी चेतावनी भी इस रिपोर्ट में दी गई है।

पिछले वर्ष चीन में हुए एक कार्यक्रम में आघाड़ी के चीनी उद्योजक जैक मा ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक की वजह से उपलब्ध रोजगारों की संख्या घट जाएगी और आने वाले कुछ सालों में रोबोट्स बड़ी कंपनियों के सीईओ के तौर पर काम करते हुए दिखाई देंगे, ऐसी भविष्यवाणी की थी। दुबई के ‘वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में विख्यात उद्योजक एलोन मस्क ने विश्वभर में कार्यरत जनबल में से १५ प्रतिशत रोजगार अतिप्रगत रोबोट छीन लेंगे, ऐसी चेतावनी दी थी। वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की नई रिपोर्ट से इन वक्तव्यों की पुष्टि होती दिखाई दे रही है।

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