इसी वर्ष ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ पर आधारित संघर्ष की शुरु होगा – विशेषज्ञों का इशारा

लंडन: पिछले कुछ वर्षों में विविध उद्योगक्षेत्रों में ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है और उसका हथियारों के तौरपर इस्तेमाल किया जा सकता है, ऐसा इशारा नियमित रूपसे दिया जा रहा है। इन्टरनेट क्षेत्र में ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का बढता सहभाग इस तकनीक पर आधारित पहले संघर्ष की शुरुआत हो सकती है, ऐसा इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इशारा दिया था। दुनिया की प्रमुख हथियार बनाने वाली कंपनी के तौर पहचाने जाने वाली कंपनी ‘बीएई सिस्टिम्स’ के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ एड्रियन निश ने, सन २०१८ में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर आधारित ‘बोट्स’ संघर्ष भड़केगा, ऐसा इशारा दिया है।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, संघर्ष, बढता सहभाग, एड्रियन निश, इशारा, लंडन, ट्विटर

‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक के इस्तेमाल से आने वाले समय में, हमलावर और बचाव करने वाले इन घटकों के बीच की लड़ाई का पड़ाव नए स्तरपर पहुंचा है, ऐसा दिखाई देगा। सन २०१८ में ही हमें आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर आधारित ‘बोट्स’ का पहला युद्ध देखने मिल सकता है। इन्टरनेट पर इस्तेमाल किए जाने वाले ‘वेब रोबोट्स’ (बोट्स) के हमलावरों का समूह, बचाव करने वाले रोबोट्स की तरह ही मशीन लर्निंग और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस आत्मसात करेगा और और हमला करेगा’, ऐसा एड्रियन निश ने इशारा दिया है।

‘ट्विटर’ जैसी वेबसाईट पर इसके उदाहरण वर्तमान में दिखाई देने का दावा भी उन्होंने किया है। “’ट्विटर’ का ‘बोट्स’ विविध घटनाओं पर प्रतिसाद देने वाले सन्देश स्वयं विकसित कर रहे हैं और वह वास्तवता के नजदीक जाने वाला है, इसलिए कोई भी उसका लक्ष्य बनकर शिकार हो सकता है’, इसका एहसास निश ने कराके दिया है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस यह प्रगति ‘डिफेंडर्स’ विरुद्ध ‘अटैकर्स’ प्रकार के संघर्ष की शुरुआत साबित होगी और हमें उसके लिए सज्ज रहने की आवश्यकता है, ऐसा एड्रियन निश ने स्पष्ट किया है।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, संघर्ष, बढता सहभाग, एड्रियन निश, इशारा, लंडन, ट्विटर

इन्टरनेट हैकर्स ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ की सहायता से विकसित किए जाने वाले ‘बोट्स’ का इस्तेमाल करके हमले कर सकते हैं और स्मार्टफोन और टैब उसके अस्सानी से शिकार हो सकते हैं, ऐसा इशारा अन्य विशेषज्ञों ने दिया है।

‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का हथियार निर्माण क्षेत्र में होने वाला इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर चिंता का विषय साबित हुआ है और दुनिया के कई प्रमुख उद्योजकों ने इसपर चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी इस बात का ध्यान रखा है और अभ्यासगुटों को नियुक्त करके इस खतरे के बारे में वैश्विक स्तरपर एकवाक्यता आवश्यक होने इशारा दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.