कतार के विदेश मंत्री ने की तालिबान के नेताओं से मुलाकात; मुल्ला बरादर का समावेश नहीं

मुल्ला बरादरकाबुल – तालिबान की स्थापना से ही इस संगठन का प्रमुख नेता होनेवाले मुल्ला बरादर की मृत्यु होने की खबर सोमवार सुबह जारी हुई। उसी में, जब कतार के विदेश मंत्री अल-थानी ने तालिबान के नेताओं से मुलाकात की, तब उनमें बरादर नहीं था। इस कारण तालिबान में चल रहे संघर्ष में बरादर की मृत्यु होने के दावों को अधिक ही मज़बूती मिल रही है। लेकिन अगले कुछ घंटों में तालिबान ने मुल्ला बरादर का ऑडियो जारी किया। इसमें बरादर ने, वह जीवित होने का और तालिबान में किसी भी प्रकार के मतभेद ना होने का संदेश दिया। लेकिन कतार के विदेश मंत्री के साथ हुई मुलाकात में बरादर नहीं दिखा था, इस पर विश्लेषक गौर फरमा रहे हैं।

मुल्ला बरादर यह तालिबान में दूसरे नंबर का नेता माना जाता है। तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकार स्थापना के लिए गतिविधियाँ शुरू करने के बाद, बरादर को अफगानिस्तान का राष्ट्राध्यक्ष बनाया जाने की खबरें खाड़ी क्षेत्र के माध्यमों ने प्रकाशित की थीं। लेकिन हफ्ते भर पहले पाकिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा ‘आईएसआई’ के प्रमुख फैझ हमीद की आकस्मिक काबुल भेंट के बाद, तालिबान ने सरकार स्थापना की घोषणा स्थगित की।

मुल्ला बरादरअफगानिस्तान की सरकार में हक्कानी गुट के हाथ में सत्ता केंद्रित हो, इसके लिए हमीद कोशिश कर रहे थे। पाकिस्तान में अड्डा होनेवाला हक्कानी नेटवर्क यह पाकिस्तानी सुरक्षा यंत्रणा का एजेंट होने का दावा किया जाता है। सत्ता में हिस्से के मुद्दे पर बरादर और हक्कानी गुट में संघर्ष भड़कने की खबरें जारी हुई थी। इसमें मुल्लाह बरादर और सहकर्मी गंभीर रूप से घायल होने की बात बताई जा रही थी। तालिबान ने उस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बराबर संदिग्ध रूप से गायब था।

मुल्ला बरादरपिछले हफ्ते तालिबान ने सरकार स्थापना की घोषणा करके बरादर को उपप्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करने के बाद अचरज ज़ाहिर किया गया था। ऐसे में सोमवार सुबह स्थानीय अफगानी पत्रकारों ने मुल्लाह बरादर की मौत हुई होने का दावा किया। इस खबर से अफगानिस्तान समेत पाकिस्तान में भी सनसनी मची थी। हफ्ते भर पहले सत्ता में हिस्से के मुद्दे पर बरादर और हक्कानी गुट में संघर्ष भड़कने की खबरों को मज़बूती मिलने के दावे सोशल मीडिया में किए गए।

साथ ही, कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने प्रतिनिधि मंडल के साथ तालिबान तथा अफगानिस्तान के नेताओं की मुलाकात की होने की खबर और फोटोग्राफ जारी हुए। उसमें तालिबान के अन्य बड़े नेताओं के साथ पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हमीद करझाई और डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल्ला के नामों का समावेश था। लेकिन मुल्ला बरादर के नाम का उल्लेख नहीं था। इस कारण तालिबान के संघर्ष में बरादर मारा गया होने का शक और भी मजबूत हुआ।

अगले कुछ घंटों में तालिबान ने बरादर का ऑडियो संदेश जारी किया। इसमें बरादर ने, वह जीवित है और दौरों पर है, ऐसा कहा है। माध्यम गलत खबरें दे रहे हैं और तालिबान में किसी भी प्रकार के मतभेद नहीं हैं, ऐसा बरादर ने कहा। लेकिन क्या यह बरादर की ही आवाज थी? यह स्पष्ट नहीं हो सका है। अगर खुलासा देना ही था, तो तालिबान ने मुल्लाह बरादर का वीडियो क्यों नहीं जारी किया? ऐसा सवाल कुछ लोगों ने उपस्थित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.