आतंकियों को आर्थिक सहायता देनेवालों पर एकता के साथ कार्रवाई हो – संयुक्त राष्ट्रसंघ के सामने भारत ने रखी मांग

संयुक्त राष्ट्रसंघ: ‘आतंकी संगठन एवं उनके सदस्यों को किसी देश एवं देश की यंत्रणा से आर्थिक सहायता प्रदान होती है, यह बात निषेध करने के काबिल है| इसके विरोध में ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) और संयुक्त राष्ट्रसंघ की आतंकविरोधी यंत्रणाओं ने एकता से काम करने की जरूरत है’, यह मांग भारत ने रखी है| संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के राजनयिक अधिकारी ने सिधे नाम लिए बिना यह मांग रखते समय पाकिस्तान को ही लक्ष्य किया हुआ है, यह दिख रहा है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में भारत पर आरोप करके दुष्प्रचार करनेवाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान अपने ही राजनयिक अधिकारी ने सार्वजनिक किए एक पत्र की वजह से मुश्किलों में फंसे थे| मुंबई पर २६/११ का आतंकी हमला करवानेवाला आतंकी हफीज सईद के बैंक खातें सील किए गए है| लेकिन, हफीज सईद के परीवार को खर्च के लिए इसमें से कुछ रकम निकालने की अनुमति प्राप्त हो, यह मांग पाकिस्तान की सरकार ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के सामने रखी थी| यह बिनती करनेवाला पत्र संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त पाकिस्तान की राजदूत मलिहा लोधी ने सार्वजनिक किया था| इस वजह से पाकिस्तान की सरकार आतंकियों की सहायता कर रही है, यह बात भी दुनिया के सामने आयी थी|

भारतीय माध्यमों ने यह बात काफी उठाई और पाकिस्तान पर कडी आलोचना करना शुरू किया था| इस वजह से प्रधानमंत्री इम्रान खान मुश्किलों में फंसे थे| इस पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की अंतरराष्ट्रीय आतंकविरोधी समिती के सामने बोलते समय भारत ने आतंकियों को प्राप्त हो रही आर्थिक सहायता का मुद्दा उपस्थित किया| भारत के राजनयिक अधिकारी येदला उमाशंकर ने सिधे शब्दों में जिक्र किए बिना ही पाकिस्तान को लक्ष्य किया|

किसी भी देश या उस देश की यंत्रणाओं से आतंकी संगठन एवं उस संगठन के आतंकी सदस्यों को आर्थिक सहायता करना बर्दाश्त करने योग्य बात नही है, यह उमाशंकर ने स्पष्ट किया| इसके विरोध में संयुक्त राष्ट्रसंघ की यंत्रणा और ‘एफएटीएफ’ एकता के साथ काम करें, यह मांग उमाशंकर ने इस दौरान रखी| इस बारे में सभी देश एकता दिखाना जरूरी है और क्षेत्रिय स्तर पर इसके लिए प्रभावी यंत्रणा का काम करना जरूरी होगा, यह भी उमाशंकर ने आगे कहा|

साथ ही आतंकी संगठनों को एवं उनके सदस्यों को देशों से प्राप्त हो रही आर्थिक सहायता पर भारत ने कडे शब्दों में निषेध व्यक्त किया| पिछले कुछ दिनों से भारत ने पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद के विरोध में जोरदार मोर्चा खोला है और संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं ‘एफएटीएफ’ में भारत ने पाकिस्तान के विरोध में और भी आक्रामकता अपनाई है|

पाकिस्तान को ‘एफएटीएफ’ की ब्लैक लिस्ट में शामिल करने के लिए भारत ने पहल की है, यह आरोप पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा महमूद कुरेशी ने भी किया था| इस कोशिश में भारत को कामयाबी प्राप्त हो सकती है, यह चिंता पाकिस्तान के माध्यम व्यक्त कर रहे है| ऐसा हुआ तो पाकिस्तान के लिए वह भयंकर बात साबित होगी और पाकिस्तान के सामने बना आर्थिक संकट और भी गंभीर होगा, ऐसा पाकिस्तान के विश्‍लेषक कहने लगे है|

साथ ही भारत ऐसे आक्रामक दांव करने में व्यस्त होते हुए इससे बनी स्थिति का सामना करने में पाकिस्तान की सरकार पूरी तरह से नाकामयाब साबित हो रही है, यह आरोप पाकिस्तान के विश्‍लेषकों ने किया है|

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