उघुरवंशियों के मुद्दे पर अमरिका और चीन के बीच भिडन्त

वॉशिंगटन/बीजिंग – चीन के झिंजिआंग प्रांत में उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर अमरिका और चीन के बीच नया संघर्ष होने के संकेत प्राप्त हुए है| दो दिन पहले ही इस मुद्दे पर अमरिका ने चीन के २८ उपक्रमों को ब्लैक लिस्ट किया था| इसपर अब अमरिका ने चीन के विरोध में ‘वीजाबंदी’ का कदम उठाया है| उघुरवंशियों अत्याचार करने में शामिल चीन के नेता और अधिकारियों को इसके आगे अमरिका का वीजा नही मिलेगा, ऐसा विदेश विभाग ने घोषित किया है| अमरिका की इस कार्रवाई पर चीन ने कडी नाराजगी व्यक्त की है और अमरिकी नागरिकों को भी चीन में प्रवेश देने से इन्कार करने के संकेत दिए हैै|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने चीन के उघुरवंशियों के मुद्दे पर लगातार आक्रामक भूमिका अपनाई है| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक की पृष्ठभूमि पर हुए एक बैठक के दौरान भी इस मुद्दे पर कडी कार्रवाई करने के संकेत दिए थे| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने एक के पीछे एक की कार्रवाइयां ध्यान आकर्षित कर रही है|

सोमवार के दिन अमरिका ने चीन के २८ उपक्रमों को ब्लैक लिस्ट करने का ऐलान किया था| इसमें झिंजिआंग प्रांत के अंतर्गत सुरक्षा विभाग के साथ १९ सरकारी यंत्रणा और ९ नीजि कंपनियों का समावेश है| अमरिका के वाणिज्य विभाग ने किए ब्लैक लिस्ट के निर्णय में ‘सर्विलन्स’ एवं ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों का समावेश है| अमरिका के इस निर्णय पर चीन ने कडी प्रतिक्रिया दर्ज की थी|

लेकीन इस ओर अनदेखा करके अमरिका ने बुधवार के दिन फिर से उघुरवंशियों के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य किया है| विदेश विभाग ने चीन के सरकारी अधिकारी एवं सत्तापक्ष कम्युनिस्ट पार्टी केसदस्य एवं उनके परिवार के सदस्यों पर वीजाबंदी लगाने का ऐलान किया| इससे पहले अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने चीन पर कडी आलोचना की| चीन की हुकूमत उघुरवंशियों समेत अन्य अल्पसंख्यांक समाज का आक्रामकता के साथ दमन करने के लिए मुहीम शुरू की है, यह आरोप पोम्पिओ ने किया|

लेकिन, चीन ने यह आरोप ठुकराया है और वीजाबंदी का निर्णय अभागी होने की प्रतिक्रिया दर्ज की है| साथ ही चीन की सरकार अमरिकी नागरिकों पर भी पाबंदी लगाने के लिए गतविधियां कर रही है, ऐसे संकेत भी सूत्रों ने दिए है|

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी पिछले कुछ महीनों में चीन में उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों के मुद्दे पर आक्रामकता दिखाई है| संयुक्त राष्ट्रसंघ में भी चीन की हुकूमत उघुरवंशियों के साथ कर रहे अत्याचारों का मुद्दा काफी चर्चा में है और इस दौरान चीन को फटकार लगाई गई है| लेकिन, चीन ने लगातार उघुरवंशियों के विरोध में हो रही कार्रवाई का समर्थन किया है और केवल सुधार के लिए यह कदम बढाया गया है, यह बात कही है|

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