रशिया एवं चीन अपने व्यवहारों से – डॉलर एवं यूरो को बाहर करते हुए स्थानीय चलन का उपयोग शुरू करे – चीनी उद्योजको के गट की मांग

डॉलर, यूरो, बाहर करते, स्थानीय चलन, उपयोग शुरू, गट की मांग, रशिया, चीन, साइबर हमलेशंघाई: अमरिका एवं यूरोप ने जारी किए प्रतिबंधों की वजह से रशिया और चीन को आर्थिक सहयोग बढ़ाने का अवसर दिया है और इसका फायदा उठाते हुए दोनों देशों ने एक दूसरों से व्यवहार करते हुए स्थानीय चलनो का इस्तेमाल शुरू करे, ऐसी मांग चीनी उद्योजकों के एक गटने की है। शांघाई में शुरू होनेवाले वैल्डाई डिस्कशन क्लब के बैठक के दौरान यह मांग रखी गई है। चीन यह रशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश होकर दोनों देशों में शुरु व्यापार इस वर्ष में १०० अरब डॉलर तक जाने की उम्मिद व्यक्त की जा रही है। उसमें अमरिका ने चीन के विरोध में व्यापार युद्ध का ऐलान किया है और इसका बहुत बड़ा झटका अमरिका एवं चीन के व्यापार को लगेगा, ऐसा डर व्यक्त किया जा रहा है।

डॉलर, यूरो, बाहर करते, स्थानीय चलन, उपयोग शुरू, गट की मांग, रशिया, चीन, साइबर हमलेचीन एवं रशिया इन दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरों के संबंध अधिक दृढ़ करने पर विचार करना चाहिए विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में सहयोग पर अधिक जोर देना आवश्यक है। चीन एवं रशिया इन दोनों देशों ने अमेरिकी डॉलर और यूरो जैसे विदेशी चलन द्वारा व्यापार करना रोकना चाहिए। यह व्यापार सीधे युआन अथवा रूबल इन चलनो में हो सकता है, ऐसी आग्रही मांग यूनियन ऑफ चाइनीज एंटरप्रेन्योर इन रशिया के प्रमुख झोऊ लिकन ने किया है। अमरिका एवं यूरोप ने जारी किए प्रतिबंधों की वजह से समस्या निर्माण हुई है फिर भी उसी समय आशा और अवसर भी उपलब्ध हुए हैं, ऐसे शब्दों में लिकन ने अपने विधान का समर्थन किया है।

डॉलर, यूरो, बाहर करते, स्थानीय चलन, उपयोग शुरू, गट की मांग, रशिया, चीन, साइबर हमलेरशिया एवं चीन में होनेवाले व्यापार में इंधन क्षेत्र का हिस्सा बहुत बड़ा होकर यह व्यापार युआन एवं रूबल में करने का निर्णय लगभग ३ वर्ष पहले लिया गया था। उसके बाद रशिया एवं चीन ने स्थानीय चलन का उपयोग बढ़ाने के लिए लगातार नए करार किए हैं और उसमें बैंकिंग, डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड, निवेश, विशेष आर्थिक क्षेत्र, चलन विनिमय करार जैसे बातों का समावेश है। इन दोनों देशों ने अपने आरक्षित जमा-पूंजी में डॉलर के प्रमाण भी कम करने के लिए कदम उठाए हैं।

स्थानीय चलन के उपयोग के लिए चीन का विशेष आग्रह है। युआन यह चलन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर के लिए विकल्प के तौर पर सामने लाने के लिए चीन के सत्ताधारी योजना बद्ध रुप से प्रयत्न कर रहे हैं। रशिया के साथ ईंधन व्यापार एवं आर्थिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना यह इन प्रयत्नों का भाग है। इसके अलावा एआयआयबी जैसे स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्था की स्थापना, सोने के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में युआन के चलन पर आधारित व्यवहार निर्देशांक, (बेंच मार्क) शुरू करना एवं पिछले महीने में हुए पेट्रो युआन की शुरुआत, यह युआन का प्रभाव बढ़ाने की योजना का हिस्सा माना जा रहा है।

उसी समय यूक्रेन समस्या, अमरिकी चुनाव में हस्तक्षेप, साइबर हमले, ब्रिटेन में भूतपूर्व जासूस पर हुआ विषप्रयोग ऐसे विभिन्न मुद्दों पर अमरिका तथा यूरोपीय देशों ने रशिया पर बड़े तादाद में प्रतिबंध जारी किए हैं। इन प्रतिबंधों को जवाब देने के लिए रशिया ने चीन, जापान, भारत एवं अन्य आशियाई देशों से सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। उसमें स्थानीय चलन के उपयोग के साथ परमाणु तथा रक्षा क्षेत्र के सहयोग का समावेश है।

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