‘डब्ल्यूएचओ’ भारत में ‘ग्लोबल सेंटर ऑफ मेडिसीन’ स्थापित करेगा

नई दिल्ली – ‘जागतिक स्वास्थ्य संगठन’ (डब्ल्यूएचओ) भारत में ‘ग्लोबल सेंटर ऑफ टेडिशनल मेडिसीन’ स्थापित कर रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार के दिन यह ऐलान किया। भारत के लिए यह बड़े गर्व की बात है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। प्रधानमंत्री के हाथों दो राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थाएँ देश को समर्पित की गईं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री बात कर रहे थे।

pm-modi-whoपाँचवें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर गुजरात के जामनगर में ‘आयुर्वेद शिक्षा एवं अनुसंधान संस्था’ (आयटीआरए) और जयपूर स्थित ‘राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्था’ (एनआयए) प्रधानमंत्री ने देश को समर्पित की। विद्यापीठ अनुदान आयोग ने इन संस्थाओं को स्वायत्त विद्यापीठ का दर्जा प्रदान किया है। ‘आयटीआरए’ जागतिक स्तर की आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करनेवाली संस्था के तौर पर उभरेगी। ‘आयटीआरए’ में १२ अलग अलग विभाग रहेंगे और तीन वैद्यकीय प्रयोगशालाएँ और तीन अनुसंधान की प्रयोगशालाएँ वहाँ पर होंगी। इस संस्था की ओर से अनुसंधान के ३३ प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। जामनगर में गुजरात आयुर्वेद विद्यापीठ के आवार में स्थित चार आयुर्वेद संस्थाओं को एक करके ‘आयटीआरए’ का निर्माण किया गया है।

कोरोना के दौर में विश्‍वभर में आयुर्वेदिक उत्पादनों की माँग तेज़ी से बढ़ी है। बीते वर्ष की तुलना में सितंबर महीने में आयुर्वेदिक उत्पादनों की निर्यात में करीबन ४५ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। भारत की परंपरागत औषधि प्रणाली और आयुर्वेद का सामर्थ्य विश्‍व के सामने आया है। वैद्यकीय विश्‍व में आयुर्वेद की भूमिका अहम है, यह बयान प्रधानमंत्री ने किया। आयुर्वेद मात्र एक विकल्प नहीं, बल्कि वह देश की राष्ट्रीय स्वास्थ नीति का आधार स्तंभ होने की बात प्रधानमंत्री ने रेखांकित की।

भारत में ‘ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसीन’ का गठन करने का ऐलान ‘डब्ल्यूएचओ’ ने किया है। जागतिक स्वास्थ संगठन के महासंचालक डॉ.टेड्रॉस घेब्रेस्यूएस का एक वीडियो संदेश भी इस दौरान दिखाया गया। आयुर्वेद भारत की विरासत हैं और भारत का परंपरागत ज्ञान अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है, यह संतोष की बात हैं, ऐसा डॉ.घेब्रेस्यएस ने इस दौरान कहा। ‘ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसीन’ के लिए भारत का चयन करने पर प्रधानमंत्री ने जागतिक स्वास्थ संगठन का शुक्रिया अदा किया।

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