नए शरणार्थी पहुंचने पर यूरोप की हानी होगी – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरइस्तंबूल – ‘सीरिया से अपनी सीमा पर पहुंच रहे नए शरणार्थियों को तुर्की अधिक समय के लिए नियंत्रित नही रख सकेगा| सीरिया की वायव्य प्रांत में जारी लष्करी कार्रवाई ऐसी ही होती रहे तो जल्द ही इन शरणार्थियों का नया झटका यूरोपिय देशों को भी लगेगा, यह चेतावनी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने दी है| राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने सीधे जिक्र किए बिना सीरिया की अस्साद हुकूमत और रशिया ने इदलिब में शुरू किए हवाई हमलों पर यह प्रतिक्रिया दर्ज की हुई दिखाई दे रही है| इससे पहले भी एर्दोगन ने शरणार्थियों के लिए यूरोप के दरवाजे खुले करने की धमकी दी थी|

रविवार की रात हुए एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने तुर्की और सीरिया की सीमा पर बनी स्थिति की जानकारी साझा की| फिलहाल सीरिया के इदलिब से भागे सवा लाख से भी अधिक शरणार्थी तुर्की की सीमा पर खडे है| तुर्की में प्रवेश करने के लिए इन शरणार्थियों की कोशिश हो रही है, यह दावा भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने किया| इदलिब में हो रहे हमलों की वजह से यह हो रहा है, यह आरोप भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने रखा है

इदलिब में हो रहे हवाई हमलें बंद नही किए तो इन शरणार्थियों की संख्या और भी बढेगी| ऐसा होने पर सीर्फ तुर्की इन शरणार्थियों का भार उठा नही सकेगा| तुर्की पर बना शरणार्थियों का भार बढने पर यूरोपिय देश, प्रमुखता से ग्रीस को भी नुकसान उठाना होगा| इसके अलावा वर्ष २०१५ में शरणार्थियों के कारण देखा गया संकट भी दोहराने की संभावना है, यह इशारा एर्दोगन ने दिया| इन शरणार्थियों के झुंड रोकने के लिए तुर्की की कोशिश जारी है| पर, यूरोपिय देशों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी, यह निवेदन भी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है|

इससे पहले भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन एवं तुर्की के अन्य मंत्री शरणार्थियों के लिए यूरोप के दरवाजे खोलकर शरणार्थियों के झुंड यूरोप पर छोडने की चेतावनी देते देखे गए थे| यूरोपिय महासंघ ने तुर्की को जरूरी सहायता और नीधि प्रदान नही किया तो सीरियन शरणार्थियों का भार आगे से अकेला तुर्की नही उठा पाएगा, यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने धमकाया है|

इसी बीच पिछले कुछ दिनों से सीरियन सेना और रशिया लगातार इदलिब पर हवाई हमलें कर रहे है| इन हवाई हमलों की वजह से एक ही दिन में करीबन १८ हजार शरणार्थी इदलिब से तुर्की की सीमा की और भागे थे| इससे कुछ दिन पहले करीबन ८० हजार शरणार्थियों ने जान की रक्षा करने के लिए इदलिब छोडकर तुर्की की सीमा के निकट पनाह लेने की बात स्पष्ट हुई थी| इससे संबंधित क्षेत्र में काफी बडी मानवीय आपत्ति की स्थिति बनी होने की चेतावनी मानव अधिकार संगठन दे रही है|

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