अफगानी लष्कर की कार्रवाई में ९३ तालिबानी ढेर

काबुल – अफगानिस्तान के रक्षाबलों ने पिछले ४८ घंटों में देशभर में की कार्रवाई में ९३ तालिबानी आतंकियों को मार गिराया। इस कार्रवाई में तीन आत्मघाती हमलावरों का भी समावेश था। इससे बड़ा अनर्थ टला होने का दावा अफगानी लष्करी अधिकारी कर रहे हैं। अफगानी रक्षाबल की इस कार्रवाई का बदला लेने के लिए तालिबान ने शुक्रवार को दो आत्मघाती हमलें करवाये। उनमें एक अफगानी जवान की मृत्यु हुई। इसी बीच, अफगान सरकार तालिबान के साथ बातचीत करें, इसके लिए अमरीका अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी पर दबाव डाल रही है। लेकिन तालिबान ने हिंसाचार नहीं रोका है, ऐसा कहकर अफगान सरकार ने तालिबानविरोधी कार्रवाई जारी रखी है।

afghan-talibanअफगानी लष्कर ने बुधवार और गुरुवार ऐसे लगातार दो दिवस कंदाहर, झाबुल, फरयाब प्रांत में तालिबान पर बड़ी कार्रवाई की। अफगानी लष्कर और हवाईदल के हेलिकॉप्टर्स ने कंदहार प्रांत के अरघानदाब तथा झेराई ज़िलों में ३१ और झाबुल प्रांत के मिझान और शहर-ए-सफा ज़िलों में की कार्रवाई में ३५ तालिबानियों को मार गिराया। इस कार्रवाई में १० तालिबानी घायल हुए। वहीं, अफगानी लष्कर ने बड़े पैमाने पर हथियारों का भंडार और तालिबान के वाहन जब्त किए।

इस कार्रवाई के बाद मिझान ज़िला तालिबान से मुक्त हुआ होने की घोषणा अफगानी लष्कर ने की। साथ ही इस ज़िले के नागरिक और जवानों को लक्ष्य करने के लिए तालिबान ने बिछाए बारूद भी नाकाम कर दिए गए हैं। वहीं, फरयाब प्रांत में अफगानी लश्कर और तालिबान के बीच लगातार दो दिन संघर्ष जारी था। इसी प्रांत में तालिबान के तीन आत्मघाती आतंकी बड़ा खून खराबा करवाने की तैयारी में थे। लेकिन अफगानी हेलीकॉप्टर्स ने की कार्रवाई में १२ तालिबानियों को मार गिराया। इनमें तीन आत्मघाती आतंकियों का समावेश था।

पिछले हफ्ते भर में अफगानी लष्कर ने तालिबान के विरोध में की कार्यवाही में लगभग डेढ़ सौ तालिबानियों का खात्मा किया है। अफगानी लष्कर को इस कार्रवाई में अमरीका अथवा नाटो के लष्कर की सहायता मिली अथवा नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। इस कार्रवाई के कारण गुस्सा हुए तालिबान ने शुक्रवार को, मैदान वारदाक प्रांत में अफगानी लष्कर के स्पेशल फोर्सेस के अड्डे के नजदीक दो आत्मघाती हमले करवाए। उसके बाद अफगानिस्तान फोर्सेस और तालिबान के बीच गोलीबारी शुरू हुई। उसमें एक जवान की मृत्यु हो गई।

afghan-talibanअफगान सरकार ने तालिबान के साथ चर्चा शुरू नहीं की, तो १ मई से पहले अमरीका अफगानिस्तान से अपना लष्कर पूरी तरह हटाएगी। उसके बाद तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा किए बगैर नहीं रहेगा, ऐसी चेतावनी अमरीका के विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन निधि थी। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हमीद करझाई भी अमेरिका के प्रस्ताव का स्वीकार करने के लिए गणित सरकार पर दबाव डाल रहे हैं।

लेकिन पिछले कुछ महीनों से तालिबान का अफगानिस्तान में आतंकवाद बढ़ा होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष गनी कर रहे हैं। तालिबान ने माध्यम तथा शैक्षणिक क्षेत्र की महिलाओं को लक्ष्य करना शुरू किया है। इस कारण कुछ महिला पत्रकार इस्तीफे दे रहीं हैं, ऐसी जानकारी सामने आ रही है। अमरीका यदि तालिबान को फिर से सत्ता में लाई, तो अपनी खैर नहीं, फिर से अफगानिस्तान का तालिबानीकरण होगा, ऐसा डर अफगानी जनता व्यक्त कर रही है।

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