सीरिया में हुए ‘आयएस’ के हमले में १० रशिया समर्थक ढ़ेर – रशिया ने अल-हसाका की दिशा में सहायता रवाना की

दमास्कस – सीरिया में तैनात रशियन सेना ने ‘आयएस’ के आतंकियों पर जारी हमलों की तीव्रता बढ़ाई है। तभी, ‘आयएस’ ने भी इन हमलों के जवाब में रशिया समर्थक सैनिकों पर किए हमले में १० की मौत हुई है। इस हमले के साथ ही सीरिया में फिर एक बार रशिया और ‘आयएस’ के आतंकियों के बीच संघर्ष शुरू हुआ है। ‘आयएस’ की तरह रशिया को फिलहाल सीरिया में मौजूद तुर्की से जुड़े आतंकी संगठनों का भी मुकाबला करना पड़ रहा है।

बीते सप्ताह में ‘आयएस’ के आतंकियों ने सीरिया के ‘देर अल-ज़ोर’ क्षेत्र में सीरियन सेना पर हमला किया था। इस हमले में २० सीरियन सैनिक मारे गए थे। इसके बाद रशिया ने रविवार के दिन सीरिया के उत्तरी ओर स्थित अलेप्पो, हमा और राक्का प्रांतों में स्थित ‘आयएस’ के ठिकानों पर हवाई हमले किए। सीरियन मानव अधिकार संगठन ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार रशियन लड़ाकू विमानों ने कम से कम ४० ठिकानों को लक्ष्य किया। देर अल-ज़ोर और होम्स प्रांत में ईरान के ‘अल-कुड्स फोर्सेस’ के सैनिक भी तैनात हैं।

रशिया के इस हवाई हमले में ‘आयएस’ के कितने आतंकी ढ़ेर हुए, इसकी जानकारी अभी स्पष्ट नहीं हो सकी हैं। लेकिन, इसके कुछ ही घंटों बाद ‘आयएस’ के आतंकियों ने होम्स प्रांत में लगाए ज़मीनी बारूद में १० रशिया समर्थक सैनिक मारे गए। ‘आयएस’ के इस हमले पर रशिया तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ कर सकती हैं। इसी बीच रशिया ने सीरिया के ‘अल-हसाकाह’ प्रांत में सहायता के लिए ३०० सैनिकों को रवाना किया है। रशियन सेना ने इस अतिरिक्त तैनाती का ऐलान किया। सीरिया केईशान्य ओर के हिस्से में संघर्ष ना हो, इसी उद्देश्‍य से यह तैनाती करने की बात रशियन सेना ने कही है।

सीरिया में ‘आयएस’ के विरोध में जारी संघर्ष नए से तीव्र हो रहा है और तभी रशियन सेना के सामने तुर्की समर्थक आतंकियों की भी चुनौती खड़ी है। रशिया के रक्षा मंत्रालय ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार शनिवार के दिन सीरिया के चार प्रांतों में तुर्की समर्थक आतंकियों ने सीरियन सेना के साथ किए युद्धविराम का २१ बार उल्लंघन किया। तभी, तुर्की ने रशिया का यह आरोप ठुकराकर दावा किया है कि, वहां पर एक बार भी युद्धविराम का उल्लंघन नहीं हुआ है। बीते सप्ताह से रशिया ने तुर्की समर्थक आतंकियों पर युद्धविराम का उल्लंघन करने का आरोप किया है।

बीते वर्ष सीरियन सेना और तुर्की की सेना और तुर्की समर्थक आतंकी संगठनों में संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष में बड़ी संख्या में जान का नुकसान होने के बाद और लाखों लोग विस्थापित होने के बाद रशिया ने सीरियन सेना और तुर्की समर्थक आतंकी संगठन में युद्धविराम करवाया था। इसके बाद सीरिया में जारी संघर्ष काफी मात्रा में कम हुआ था। लेकिन, अब तुर्की समर्थक आतंकी संगठन फिरसे सिर उठा रहे हैं, यह दावा किया जा रहा है।

इसी बीच, बीते महीने से सीरिया में ‘आयएस’ और ‘अल कायदा’ से जुड़ी ‘जबात अल-नुस्र’ और तुर्की समर्थक आतंकी संगठनों की गतिविधियां तीव्र हुई हैं। सीरिया में जारी इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर अमरीका की लष्करी गाड़ियां इराक के रास्ते सीरिया पहुँची हैं, यह आरोप सीरिया ने किया था।

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