‘सोशल मीडिया’ से अपराधियों की जानकारी प्राप्त करने के लिए अमरिका और ब्रिटेन ने किया ऐतिहासिक समझौता

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: अमरिका और ब्रिटेन की सुरक्षा यंत्रणाओं को ‘सोशल मीडिया’ की जानकारी का ‘एक्सेस’ देनेवाले ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए है| ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रति पटले की अमरिका यात्रा के दौरान यह समझौता होने की जानकारी ब्रिटीश सूत्रों से दी गई है| कुछ महीने पहले ही आतंकी हमलें एवं छोटे बच्चों पर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए ‘फेसबुक’, ‘व्हॉटस् एप’ जैसी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स गुप्तचर यंत्रणाओं के लिए खास प्रावधान करें, यह मांग ब्रिटेन में एक खास बैठक में रखी गई थी|

पिछले वर्ष से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहिती एवं तंकनीकी क्षेत्र की बंडी कंपनियों की एकाधिकारशाही एवं अन्य मुद्दों पर बडे जोरों से बातचीत हो रही है| अमरिका, फ्रान्स, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्युजीलैंड जैसे देशों में ‘बिग टेक’ के तौर पर पहचानी जा रही कंपनियों के विरोध में कार्रवाई करने की तैयारी शुरू हुई है| इसमें इन कंपनियों पर कर लगाना एवं पहले की हुई गलतियों पर दंड लगाने, इसका इस्तेमाल ग्राहकों की जानकारी पर नियंत्रण रखने जैसे प्रावधानों का समावेश है|

दुनिया के अलग अलग हिस्सों में सक्रिय होनेवाली आतंकी गुटों से एवं अपराधिक गिरोह से इंटरनेट का इस्तेमाल प्रभावी तरीके से होने की बात लगातार अलग अलग रपट से सामने आयी है| प्रगत देशों की गुप्तचर एवं सुरक्षा यंत्रणा भी ऐसे इस्तेमाल पर रोक लगाने में नाकाम साबित हुई है और इसमें सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स की रचना और गोपनियता के लिए किए गए प्रावधान कारण होने की बात स्पष्ट हुई है|

अपराधिक माममों की जांच के लिए इन प्लैटफॉर्म्स का ‘एक्सेस’ प्राप्त होना अहम होने की मांग सुरक्षा एवं गुप्तचर यंत्रणा लगातार कर रही है|

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका और ब्रिटेन ने किया यह समझौता काफी अहमियत रखता है| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो देशों में हुआ यह पहला ही ‘बायलैटरल डेटा एक्सेस’ वर्ग का समझौता है| इस समझौते की वजह से बिटेन की यंत्रणाओं को अमरिका स्थित ‘सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स’ में दर्ज जानकारी सीधे प्राप्त होगी| नए समझौते से अमरिका और ब्रिटेन के सुरक्षा से संबंधित सहयोग और भी मजबूत होगा और ब्रिटेन के अपराधिक मामलों की जांच को और भी गति मिलेगी, यह विश्‍वास ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने दिलाया है|

वॉशिंगटन में इस समझौते से संबंधित कार्यक्रम में अमरिका के एटर्नी जनरल विल्यम बार मौजुद थे| इस दौरान अमरिका और ब्रिटेन के साथ ही ऑस्ट्रेलिया भी समझौते का हिस्सा होगा, यह संकेत दिए गए है| इस समझौते पर तकनीकी क्षेत्र की कंपनियों से प्रतिक्रिया प्राप्त नही हुई है, फिर भी इन कंपनियों से इस पर तीव्र विरोध होने की संभावना जताई जा रही है|

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