तालिबानी नेताओं ने मिलाया ईरान से हाथ – अमरीका-तालिबान शांति समझौता खतरे में होने के संकेत

तेहरान – अफ़गानिस्तान की गतिविधियों ने अलग ही मोड़ लिया है। बीते सप्ताह तक अमरीका और अफ़गानिस्तान के साथ बातचीत करनेवाले तालिबान ने अब ईरान से हाथ मिलाया होने की बात दिखाई दे रही है। तालिबान के वरिष्ठ कमांडर ने हाल ही में ईरान का दौरा करके ईरान के वरिष्ठ नेताओं से भेंट की थी। इस भेंट के बाद तालिबान के कमांडर्स अफ़गानिस्तान में अमरीका के साथ युद्ध करने पर कायम होने का बयान ईरान ने किया है।

iran-talibanअमरीका में हुए सत्ता परिवर्तन का असर अफ़गानिस्तान में तालिबान के साथ जारी बातचीत पर होगा, ऐसा कहा जा रहा था। बायडेन प्रशासन ने भी तालिबान के साथ किए गए शांति समझौते की दुबारा जाँच करने की एवं अमरिकी सेना की वापसी पर निर्णय करने की बात कही थी। लेकिन, ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान अफ़गानिस्तान के लिए विशेष राजदूत के तौर पर नियुक्त किए गए झल्मे खलिलाज़ाद को आगे भी कायम रखने का ऐलान अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने किया है।

इन गतिविधियों की वजह से मंगलवार तक कतार के दोहा में अफ़गान सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत करते रहे तालिबानी कमांडर्स ने सीधा ईरान की ओर रुख किया है। ईरान एवं अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार तालिबान का वरिष्ठ कमांडर मुल्लाह अब्दुल घनी बरादर ने ईरान की सर्वोच्च सुरक्षा काऊन्सिल के प्रमुख अली शामखानी से मुलाकात की। बरादर जल्द ही ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ से भेंट करने की तैयारी में है।

बरादर और शामखानी ने इस बातचीत के बाद माध्यमों के साथ बातचीत करते समय अमरीका ही अफ़गानिस्तान को युद्ध की ओर धकेल रही है, यह आरोप लगाया। ‘अमरीका की अफ़गानिस्तान में अपनाई गई नीति इस देश को युद्ध में धकेलनेवाली है। इस वजह से अफ़गानिस्तान के अलग अलग गुटों में खुनखराबा हो सकता है’, यह आरोप शामखानी ने किया। अफ़गानिस्तान की असुरक्षितता और अस्थिरता के लिए अमरीका बेवजह ही तालिबान को ज़िम्मेदार ठहरा रही हैं, यह बयान भी शामखानी ने किया।

iran-talibanतभी, तालिबान के कमांडर्स अमरीका के साथ युद्ध करने पर अटल होने की बात बरादर के साथ हुई चर्चा से स्पष्ट हुई है, यह ऐलान शामखानी ने सोशल मीडिया के माध्यम से किया। बरादर ने ग्वांतानामो बे कारागृह में अमरीका की कैद में १३ वर्ष की सज़ा काटी होने की याद शामखानी ने दिलाई। इसके साथ ही बरादर आज भी अमरीका के विरोध में संघर्ष में शामिल होने की इच्छा रखते हैं, यह बात शामखानी ने कही है।

तालिबान का कमांडर बरादर ने अमरीका पर अधिक ज्यादा भरोसा करना संभव ना होने की बात कही है। अमरीका ने तालिबान के साथ किए समझौते का उल्लंघन किया है और आगे भी अमरिकी सैनिकों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा, यह इशारा भी बरादर ने इस दौरान दिया।

इसी बीच, बरादर से मुलाकात के बाद शामखानी ने तालिबान के नेताओं के साथ ईरान की बातचीत होती रहती है, यह जानकारी भी साझा की। ईरान तालिबान और अल कायदा के आतंकियों को आश्रय दे रहा है, यह आरोप अमरीका ने पहले ही लगाया था।

अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने दो सप्ताह पहले ही ईरान ने अल कायदा के साथ सांठ-गांठ की है, यह आरोप लगाया था। तभी, ईरान ने यह पोम्पिओ ने रखे आरोप ठुकराए थे। लेकिन, बरादर के दौरे के बाद ईरान और तालिबान के बीच जारी सहयोग सामने आया है।

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