पाकिस्तान के विश्वासघात के कारण ही अफ़गानिस्तान में अमरीका को असफलता हासिल हुई – अमरिकी सिनेटर जैक रिड का आरोप

वॉशिंग्टन – ‘विश्‍वासघात कर रहे पाकिस्तान को संभालने में अमरीका को प्राप्त हुई नाकामी ही अफ़गानिस्तान में बनी मौजूद भयंकर स्थिति का प्रमुख कारण है। इससे अमरीका को उचित सबक सीखना होगा’, ऐसा आरोप अमरिकी सिनेट की ‘आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ के प्रमुख जैक रीड ने लगाया है। अफ़गानिस्तान में तालिबान की जीत मना रहे पाकिस्तान की अगली राह कठिन होगी, इस बात का अहसास कुछ विश्‍लेषकों ने कराया था। सिनेटर जैक रीड ने पाकिस्तान पर लगाया गंभीर आरोप यह बात फिर से रेखांकित कर रहा है।

pak-betrayal-us-afghanअफ़गानिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान ने अमरीका का विश्‍वासघात किया। ऐसे विश्‍वासघातकी पाकिस्तान को संभालने में अमरीका को प्राप्त हुई नाकामी ही अफ़गानिस्तान की मौजूदा अस्थिरता का प्रमुख कारण है। इसके साथ ही आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयों की ओर हुई अनदेखी और अफ़गानिस्तान में स्थिर सरकार स्थापित करने में प्राप्त असफलता की वजह से आज की स्थिति निर्माण हुई है, यह बयान सिनेटर जैक रीड ने किया है। इसकी ज़िम्मेदारी डेमोक्रैट या रिपब्लिकन पार्टी पर धकेलना उचित नहीं होगा, इस असफलता के लिए हम सभी ज़िम्मेदार हैं, यह बात भी रीड ने कही है। साथ ही इस असफलता से सबक सीखकर अगले दौर में अपनी नीति में ज़रूरी बदलाव करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं है, यह सलाह भी रीड ने दी।

अमरीका की सेना वापसी के साथ ही अफ़गानिस्तान में शुरू हुए संघर्ष में हम किसी का पक्ष नहीं लेंगे, यह ऐलान पाकिस्तान ने किया था। लेकिन, वास्तव में पाकिस्तान ने तालिबान को हर संभव सहायता प्रदान की। हथियार और लष्करी मार्गदर्शन के साथ ही पाकिस्तानी सेना के सैनिक एवं अधिकारी अफ़गानिस्तान में घुसकर तालिबान के साथ लड़ रहे थे। इसका गंभीर संज्ञान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लिया जा रहा है। इसके साथ ही अमरीका में भी इसकी गूँज सुनाई दी है और इससे पहले पाकिस्तान ने गुप्त पद्धति से तालिबान को सहायता प्रदान की थी, इस बात के दाखिले भी दिए जा रहे हैं। अमरीका ने सेना वापसी का ऐलान करने के बाद सिनेट की ‘आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ के अध्यक्ष जैक रीड ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी।

पाकिस्तान के विश्‍वासघात की वजह से ही अमरीका को अफ़गानिस्तान में नाकामी हासिल होने का दावा रीड ने किया था। अफ़गानिस्तान तालिबान के हाथों में जाने के बाद भी जैक रीड ने अमरीका की नाकामी के कारण बयान करते समय सबसे पहले पाकिस्तान के दोगलेपन का मुद्दा पेश किया है। आतंकवाद विरोधी युद्ध में अमरीका को सहायता प्रदान करने का दिखावा करके पाकिस्तान ने गुप्त रूप से तालिबान की सहायता की थी। तालिबान एवं अन्य आतंकी संगठनों के सुरक्षित अभय अरण्य भी पाकिस्तान के सरहदी इलाकों में ही हैं। इनका इस्तेमाल करके तालिबान अफ़गानिस्तान में अमरिकी एवं अफ़गान सेनाओं से टकराई थी। इस वजह से अमरीका की असफलता का असली वजह पाकिस्तान का विश्‍वासघात ही होने की याद दिलाकर जैक रीड ने पाकिस्तान की मुश्‍किले बढ़ाई हैं।

अफ़गानिस्तान में प्राप्त हुई असफलता का ठिकरा अमरीका अगले दिनों में पाकिस्तान पर ही फोड़ेगी, यह चिंता पाकिस्तान के पत्रकार एवं विश्‍लेषक जताने लगे हैं। इसी वजह से पाकिस्तानी नेता तालिबान की जीत ना मनाएं, यह इशारा यही पत्रकार एवं विश्‍लेषक दे रहे हैं। ‘अगले दिनों में अमरीका पाकिस्तान पर तालिबान एवं अन्य आतंकी संगठनों को सहायता प्रदान करने का आरोप लगाकर सख्त प्रतिबंध लगाए बगैर नहीं रहेगी, इसके लिए पाकिस्तान तैयार रहे’, ऐसा इशारा यह विश्‍लेषक एवं पत्रकार दे रहे हैं। जैक रीड के बयान से यही संकेत प्राप्त हो रहे हैं। लेकिन, चीन, रशिया जैसे देशों के सहयोग से पाकिस्तान अमरीका के दबाव एवं कार्रवाई का सामना कर सकता है, यह विश्‍वास पाकिस्तान में मौजूद तालिबान समर्थकों को है। साथ ही अफ़गानिस्तान से सेना वापसी के बाद जैसे सोवियत रशिया का विघटन हुआ था, वैसी ही स्थिति अमरीका पर भी टूटेगी, ऐसा अनुमान पाकिस्तान में स्थित तालिबान समर्थक खुलेआम बयान कर रहे हैं।

अमरीका को पाकिस्तान को प्रदान हो रही सहायता रोकनी होगी अमरिकी सांसदों की माँग

अमरिकी सांसद माईक वॉल्ट्ज़ ने पाकिस्तान को प्रदान की जा रही सहायता तुरंत बंद करने की माँग की है। अमरिकी सिनेट की ‘आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ की बैठक का जल्द ही आयोजन होगा। इस बैठक में अफ़गानिस्तान में हासिल हुई असफलता की जाँच होगी। इससे पहले अमरिकी कांग्रेस सदस्य वॉल्ट्ज़ की यह माँग ध्यान आकर्षित कर रही है।

पाकिस्तान के साथ ही अफ़गानिस्तान में चीन ने अपनाई भूमिका की ओर भी वॉल्ट्ज़ ने ध्यान आकर्षित किया। पाकिस्तान को साथ लेकर तालिबान का भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की योजना चीन ने बनाई है। साथ ही तालिबान चीन के झिंजियांग प्रांत के उइगरवंशी विद्रोहियों की सहायता नहीं करेगी, इस ओर भी चीन का ध्यान रहेगा। इसके अलावा अफ़गानिस्तान की एक ट्रिलियन डॉलर्स के खनिजों पर चीन की नज़र है। अफ़गानिस्तान में यही तीन उद्देश्‍य चीन हासिल करेगा, ऐसा इशारा वॉल्ट्ज़ ने दिया। इसके लिए चीन पाकिस्तान का इस्तेमाल कर सकता है, इस पर ध्यान केंद्रीत करके अमरीका को पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने पड़ेंगे, यह संकेत भी कांग्रेसमन माईक वॉल्ट्ज़ ने दिए हैं।

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