अमरीका-चीन राजनीतिक संघर्ष भड़का – चेंगदू स्थित अमरिकी दूतावास बंद करने के चीन ने दिए संकेत

बीजिंग/वॉशिंग्टन – अमरीका ने ह्युस्टन में शुरू चीन का दूतावास बंद करने के आदेश देने के बाद चीन भी इस पर ‘जैसे को तैसा’ कार्रवाई करने के संकेत दे रहा हैं। चीन के चेंगदू शहर में स्थित अमरीका का दूतावास बंद किया जाएगा, ऐसा समाचार चीन के प्रसारमाध्यमों ने दिया है। वहीं, अमरीका में कार्यरत चिनी महिला वैज्ञानिक ने झूठी जानकारी साझा करने का आरोप रखा गया हैं और उसे सॅनफ्रान्सिस्को स्थित चिनी दूतावास ने पनाह देने का दावा अमरिकी जाँच यंत्रणाओं ने किया है। एक के पीछे एक हुई इन घटनाओं ने कोरोना की पृष्ठभूमि पर अमरीका और चीन के बीच शुरू हुआ संघर्ष अब राजनीतिक युद्ध में बदलने के आसार दिखाई देने लगे हैं।

राजनीतिक संघर्ष

अमरीका की बौद्धिक संपदा एवं निजी जानकारी की सुरक्षा की दृष्टि से, चीन को ह्युस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास तीन दिनों में बंद करने के आदेश दिए गए हैं, ऐसी जानकारी अमरिकी विदेश विभाग ने बुधवार के दिन साझा की थी। अमरीका ने अधिकृत ऐलान करने से पहले ही चीन के विदेश मंत्रालय ने, यह दूतावास बंद करने से संबंधित दिए आदेशों का निषेध करनेवाला निवेदन जारी किया था। इस निवेदन में, संबंधित आदेश राजनीतिक स्तर पर उकसाने की कोशिश होने की बात कहकर, उसपर प्रत्युत्तर देने का इशारा भी दिया गया था। इसके बाद चिनी प्रसारमाध्यमों ने चेंगदू शहर में स्थित अमरीका का दूतावास बंद करने की गतिविधियाँ शुरू होने का समाचार जारी किया है। इस समाचार की चीन ने अभी अधिकृत स्तर पर पुष्टी नहीं की हैं, लेकिन चेंगदू या वुहान शहर में स्थित अमरिकी दूतावास बंद हो सकता हैं, यह दावा सूत्रों के दाखिले से किया गया हैं।

चीन के नैऋत्य क्षेत्र के सिच्युआन प्रांत में स्थित चेंगदू शहर में अमरीका ने वर्ष १९८५ में दूतावास शुरू किया था। तिब्बत और झिंजिआंग में जारी गतिविधियों की जानकारी रखनेवाला यह दूतावास रणनीतिक नज़रिये से अमरीका के लिए काफ़ी अहम समझा जाता है। आठ वर्ष पहले चीन के वरिष्ठ पुलिस अधिक वँग लिजून ने यकायक इस दूतावास की भेंट करने से, यह दूतावास चर्चा का विषय बना था। चीनी प्रसारमाध्यमों में यह दूतावास बंद करवाने की चर्चा शुरू हुई हैं। लेकिन, फिर भी इस दूतावास के प्रमुख कॉन्सुल जनरल जिम मुलीनॅक्स ने इस समाचार पर कोई भी बयान करने से इन्कार किया है।

राजनीतिक संघर्ष

इसी पृष्ठभूमि पर अमरीका में स्थित चीन के दूतावास ने अमरीका पर आलोचना की हैं। चीन-अमरीका संबंधों की तुलना यदि किसी गाड़ी के साथ करनी है, तो अमरीका यह गाड़ी गलत मार्ग पर ले जा रही हैं, यही कहना संभव होगा। इससे बुरी बात यानी अमरीका ने गाड़ी की गति बढ़ानेवाले पैड़ल पर पैर रखा हैं। अब इस गाड़ी को ब्रेक लगाकर उचित दिशा में मुड़ने का समय आया हैं, ऐसी फ़टकार भी चीन ने लगाई हैं।

चीन की जारी इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर ही, अमरीका ने चीन के विरोध में नई कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। अमरीका की कैलिफोर्निया विश्‍वविद्यालय में काम कर रही चीन की वैज्ञानिक जुआन तांग पर, झूठी जानकारी प्रदान करके फंसाने का आरोप रखा गया हैं। अमरिकी जाँच यंत्रणा फेडरल ब्युरो ऑफ इन्व्हेस्टिगेशन यानी एफबीआय ने दाखिल किए आरोप पत्र में यह जानकारी दर्ज़ की गई हैं। जुआन तांग चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्या हैं और उसने चीन की पिपल्स लिब्रेशन आर्मी में भी काम किया हैं। लेकिन, अमरीका का विसा प्राप्त करते समय उसने यह जानकारी छुपाई थी, यह बात अब स्पष्ट हुई हैं।

पिछले महीने में एफबीआय ने इस मामले में उसकी जाँच भी की थी। लेकिन, गिरफ़्तारी से बचने के लिए जुआन तांग ने सॅन फ्रान्सिस्को मे स्थित चीन के दूतावास में पनाह लेने की बात सामने आ रही हैं। जुआन अभी भी चीन के दूतावास में ही मौजूद हैं और दूतावास इससे संबंधित जानकारी देने से टाल रहा हैं, यह आरोप एफबीआय कर रही हैं। इस आरोप की वज़ह से अमरीका में स्थित चीन का और एक दूतावास विवाद से घिरता हुआ दिखाई दे रहा हैं। इसी बीच अमरीका से पिछले कई वर्षों से चीन पर जासूसी करने से संबंधित किए जा रहे आरोपों को भी बल प्राप्त हुआ हैं।

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