ब्रेक्झिट के बाद ब्रिटन का ‘ट्रांस पसिफ़िक समझौता’ में स्वागत होगा – जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे

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टोकिओ/लंडन – यूरोपीय महासंघ से बाहर निकलने के बाद हम ब्रिटन का ‘पसिफ़िक व्यापारी अनुबंध’ में खुलकर स्वागत करेंगे, ऐसा दावा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने किया है| ब्रेक्झिट पर यूरोपीय महासंघ के साथ निश्चित कौनसा विकल्प चुना जाए इसको लेकर ब्रिटन के राजनीतिक समूह में संघर्ष चल रहा है| ऐसे में एबे ने ‘ट्रांस पसिफ़िक पार्टनरशिप’ जैसे अनुबंध का प्रस्ताव रखने की वजह से खलबली मची है| यह प्रस्ताव ब्रिटन व्यापार सहित सभी क्षेत्र में महासंघ के साथ संबंध तोड़े इस मत का पुरस्कार करने वाले ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ के समर्थकों को नयी शक्ति देने वाला साबित होगा, ऐसा माना जा रहा है|

एबे ने एक अख़बार को दिए मुलाकत में ब्रेक्झिट और उसके बाद ब्रिटन के साथ संबंध पर अपनी भूमिका रखी| ब्रेक्झिट के बाद यूरोप के प्रवेश द्वार का स्थान ब्रिटन ने गंवाया होगा| लेकिन उसके बाद भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रिटन का सामर्थ्य कायम रहेगा, ऐसा एबे ने कहा है| उसी समय ब्रेक्झिट का अनुबंध करते समय यूरोपीय महासंघ और ब्रिटन यह दोनों पक्ष होशियारी से फैसला करेंगे और अव्यवस्थित और अनियंत्रित प्रकार के ब्रेक्झिट को टालेंगे, ऐसी अपेक्षा भी एबे ने व्यक्त की है|

‘ब्रेक्झिट की वजह से अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक परिणाम होने वाला है| इसमें जापानी उद्योगों का भी समावेश है| लेकिन यह परिणाम कम से कम होंगे’, ऐसी आशा एबे ने व्यक्त की है|जापान की निस्सान, हिताची, टोयोटा जैसी कई कंपनियों ने ब्रिटन में लगभग ४० अरब पौंड से अधिक निवेश किया है| ब्रिटिश सरकार ने ‘नो डील ब्रेक्झिट’ का विकल्प अपनाया तो उसके गंभीर परिणाम होंगे और जापानी कंपनियों को मज़बूरी से अलग सोचना पड़ेगा’, ऐसी चेतावनी जापान की तरफ से इसके पहले ही दी गई है|

जापान के प्रधानमंत्री ने उचित ब्रेक्झिट के बाद नए व्यापारी अनुबंध का दिया हुआ प्रस्ताव यह ब्रिटिश सरकार पर दबाव डालने की कोशिश मानी जा रही है| उसीके साथ ही अमरीका ‘ट्रांस-पसिफ़िक पार्टनरशिप’ से बहार निकलने के बाद ब्रिटन जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्था को साथ में लेकर इस व्यापारी मोर्चे को अधिक मजबूत करने के लिए एबे कोशिश कर रहे हैं| ब्रेक्झिट से ब्रिटन बाहर निकलने के बाद उस देश के साथ अनुबंध करने के लिए अमरीका, चीन, भारत इन देशों के साथ साथ कई देशों ने उत्सुकता दर्शाई है|

लेकिन एबे ने ब्रिटन को सीधे बहुराष्ट्रीय व्यापारी अनुबंध में शामिल करवाने का प्रस्ताव देकर अपना पक्ष मजबूत किया है| ‘ट्रांस पसिफ़िक पार्टनरशिप’ से अमरीका बाहर निकलने के बाद वर्तमान में ११ देशों का सहभाग कायम है| जापान की पहल से पूरे हुए इस अनुबंध में ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, सिंगापूर, कनाडा, चिली, मलेशिया, न्यूझिलंड, पेरू, व्हिएतनाम और ब्रुनोई इन देशों का समावेश है| इनमें से जापान, सिंगापूर और मेक्सिको इन देशों ने ‘ट्रांस-पसिफ़िक पार्टनरशिप’ को मंजूरी भी दी है|

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