रशियन ईंधन को विकल्प देना मुमकिन नहीं होगा – ‘ओपेक’ की स्पष्ट भूमिका

russian-oil-opec-1वियना – ईंधन बाज़ार में जारी मौजूदा उतार-चढ़ाव ‘ओपेक’ संगठन के नियंत्रण से परे है, यह दावा करके रशियन ईंधन के लिए विकल्प मुमकिन नहीं है, ऐसी स्पष्ट भूमिका ओपेक ने अपनाई है| रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में फिलहाल प्रति दिन तकरीबन ७० लाख बैरल कच्चे तेल की किल्लत होने की जानकारी ओपेक ने प्रदान की| यह कमी और भविष्य में रशिया पर लगाए जानेवाले प्रतिबंधों की वजह से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था को ऐतिहासिक ‘ऑईल सप्लाई शॉक’ लगता दिखाई देगा, यह इशारा भी ईंधन उत्पादक देशों की संगठन ने दिया है|

russian-oil-opec-2यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और ब्रिटेन समेत कुछ देशों ने रशिया के ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाए हैं| लेकिन, यूरोपिय देश ऐसे प्रतिबंध लगाने में नाकाम रहे हैं| रशिया यूरोप की ४० प्रतिशत ईंधन की ज़रूरत पूरी करती है| इस पर प्रतिबंध लगाए गए तो यूरोपिय अर्थव्यवस्था को काफी बड़ा नुकसान पहुँच सकता है| इसकी वजह से यूरोपिय देश ऐसा निर्णय लेने से हिचकिचा रहे हैं| तथा, रशियन ईंधन का आयात घटाने के लिए अलग-अलग मार्ग तलाशे जा रहे हैं| ओपेक संगठन के सदस्य देशों को ईंधन उत्पादन बढ़ाने के लिए बार-बार आवाहन किया जा रहा है| लेकिन, ओपेक ने इसे अनदेखा किया है और रशिया के समर्थन की भूमिका अपनाई है|

russian-oil-opec-3सोमवार को यूरोपिय महासंघ ने ओपेक के साथ विशेष बैठक का आयोजन किया था| यूरोप की ईंधन आपूर्ति बढ़ाने के मुद्दे पर ओपेक सकारात्मक भूमिका अपनाए, इस मंशा से यह बैठक आयोजित की गई थी| लेकिन, इस बैठक में भी ओपेक अपनी भूमिका पर कायम रहने की बात स्पष्ट हुई| ‘रशिया पर लगाए गए प्रतिबंध एवं भविष्य में होनेवाली कार्रवाईयों की पृष्ठभूमि पर प्रतिदिन ७० लाख बैरल्स रशियन ईंधन बाज़ार से बाहर होने की संभावना है| ईंधन बाज़ार की मौजूदा मॉंग के मद्देनज़र इतनी बड़ी मात्रा में  ईंधन का विकल्प उपलब्ध कराना लगभग नामुमकिन है’, ऐसा ओपेक के महासचिव मोहम्मद बर्किंदो ने स्पष्ट किया|

रशियन ईंधन पर प्रतिबंध लगाने की संभावना एवं ओपेक ने सप्लाई पर अपनाई भूमिका की पृष्ठभूमि पर मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतें बढ़ीं| पिछले हफ्ते १०० डॉलर्स प्रति बैरल्स के स्तर से घटी हुई कच्चे तेल की कीमत मंगलवार को प्रति बैरल्स १०२ डॉलर्स तक जा पहुँची| करीबी समय में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल १०० डॉलर्स के आसपास ही रहेगी, ऐसा अनुमान विश्‍लेषकों ने व्यक्त किया है|

इसी बीच, रशिया के ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए इटली ने अल्जिरिया के साथ ईंधन समझौता किया है| इसके अनुसार अल्जिरिया से इटली को हो रहे ईंधन सप्लाई में ९ अरब घनमीटर ईंधन वायु का इज़ाफा किया जाएगा| अल्जिरिया से फिलहाल २२ अरब घनमीटर ईंधन वायु इटली को प्रदान हो रहा है| रशिया के अलावा अल्जिरिया ही इटली को ईंधन आपूर्ति करनेवाला दूसरा बड़ा निर्यातक देश है| इटली के इस समझौते को यूरोप के अन्य देश भी अपनाएंगे, यह दावा इटली के प्रधानमंत्री मारिओ द्रागी ने किया है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.