पाकिस्तान के साथ ताल्लुकात सुधारने के लिए आतंकवाद और हिंसाचारमुक्त माहौल की उम्मीद – भारतीय विदेश मंत्रालय की फटकार

नई दिल्ली – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत को दिए चर्चा के प्रस्ताव पर विदेश मंत्रालय ने बयान किया है। भारत अन्य पड़ोसी देशों की तरह पाकिस्तान से भी बेहतर संबंध चाहता है। लेकिन, इसके लिए आतंकवाद और हिंसाचार से मुक्त माहौल की उम्मीद है, ऐसे सटीक शब्दों में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपनी भूमिका रखी। भारत की यह भूमिका कायम है, यह भी बागची ने स्पष्ट किया।

यूएई के दौरे के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में भारत से चर्चा करने का प्रस्ताव दिया था। भारत के साथ तीन युद्धों से पाकिस्तान ने सबक सीखा है और इससे अपने देश को कुछ हासिल नहीं हुआ, बल्कि, देश में गरीबी और बेरोज़गारी बढ़ी, ऐसा समझदारी वाला बयान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने किया। इसलिए हम भारत के प्रधानमंत्री को चर्चा का प्रस्ताव दे रहे हैं, यह कहकर शरीफ ने सनसनी निर्माण की थी। लेकिन, उनके इस प्रस्ताव के कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय से भारत ने धारा ३७० फिर से लागू किए बिना चर्चा संभव न होने की बात स्पष्ट की थी। भारत ने चर्चा के इस प्रस्ताव पर बयान न करने से पाकिस्तान ऐसे यू-टर्न करने के लिए मज़बूर है, ऐसा कहा जा रहा है।

इस पर बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सटीक शब्दों में भारत की भूमिका रखी। बेहतर संबंध निर्माण के लिए आतंकवाद और हिंसामुक्त माहौल की उम्मीद है। इसके बाद ही भारत पाकिस्तान से चर्चा करेगा, ऐसा बागची ने कहा है। साथ ही पहले भी भारत की यही भूमिका थी और आगे भी भारत इस बात पर कायम रहेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत इस दौरान बागची ने दिए। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने भी आतंकवाद का इस्तेमाल करके भारत को कोई चर्चा के लिए मज़बूर नहीं कर सकता, इन शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी थी।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत को चर्चा का प्रस्ताव देकर अपने देश की कमज़ोरी सार्वजनिक की, ऐसी शिकायत इस देश के माध्यम कर रहे हैं। भारत ने इस प्रस्ताव को थोड़ीसी भी अहमियत न देने का अफसोस पाकिस्तानी माध्यम एवं विश्लेषकों ने व्यक्त किया है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान ने आतंकवाद खत्म किए बिना चर्चा मुमकिन नहीं है, यह इशारा देकर भारत ने पाकिस्तान का आतंकवाद अब भी जारी होने का संदेश विश्व को दिया है।

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